तिरुअनंतपुरम. केरल के सरकारी स्कूलों ने बच्चों को बी’मारियों से बचाने के लिए नई पहल शुरू की है। इसके तहत बच्चों को पानी पिलाने के लिए वॉटर ब्रेक दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, इसके लिए दिन में तीन बार घंटी भी बजाई जा रही है। इसे वॉटर बेल का नाम दिया गया है।

घंटी बजने पर स्कूल में सभी बच्चों को पानी पीना होता है। पहली घंटी सुबह 10.35 बजे बजती है। दूसरी घंटी दोपहर 12 बजे और तीसरी घंटी 2 बजे बजाई जाती है। यह वॉटर ब्रेक 15 से 20 मिनट का होता है। अब तमिलनाडु और कर्नाटक सरकार केरल के इस तरीके को अपनाने लगी हैं। कर्नाटक के शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने इस संबंध में प्रशासन को निर्देश भी दे दिए हैं।

स्वच्छ शौचालयों की कमी से लड़कियां पानी नहीं पीतीं

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पानी की कमी और डिहाइड्रेशन से कई बच्चे बीमार पड़ते हैं। इसे लेकर डॉक्टरों का कहना है कि खास तौर पर लड़कियां समय पर जरूरी मात्रा में पानी नहीं पीती हैं। हालांकि, लड़कियों के पानी नहीं पीने की दूसरी वजह स्कूलों में स्वच्छ शौचालयों की कमी भी है।

Input : Dainik Bhaskar

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