बिहार के पटना (Patna), मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) व गया (Gaya) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) की स्थिति चिंताजनक (Alarming) हो गई है। वायु प्रदूषण के लिहाज से पटना देश में चौथे तो मुजफ्फरपुर सातवें स्थान पर है। राज्य के ये दानों शहर देश के टॉप 10 प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। गया की स्थिति भी खराब है। एक रिसर्च के मुताबिक वायु प्रदूषण के कारण पटना में लोगों की उम्र औसतन 7.7 वर्ष कम हो रही है। सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम में लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।

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पटना देश में चौथा तो मुजफ्फरपुर सातवां सर्वाधिक प्रदूषित शहर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से बुधवार को जारी देश के 104 शहरों के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में पटना देश में चौथे तो मुजफ्फरपुर सातवें पायदान पर है। पटना का पीएम 2.5 स्तर 337 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया। जबकि, मुजफ्फरपुर में पीएम 2.5 का स्तर 323 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया। गया शहर का पीएम2.5 स्तर 205 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। दिल्ली व लखनऊ की बात करें तो वे क्रमश: नौवें व 10वें स्थान पर रहे।
वायु प्रदूषण के हालात बीते कुछ समय से चिंताजनक
विदित हो कि पटना सहित बिहार के कुछ शहरों में वायु प्रदूषण के हालात बीते कुछ समय से चिंताजनक बने हुए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर नजर डालें तो पटना का एक्यूआइ दो नवंबर को 428 तक पहुंच गया था, जो तीन नवंबर को घटकर 413 और चार नवंबर को 383 तक पहुंचा। सरकार के स्थिति में सुधार के दावों व कदमों के बावजूद स्थिति चिंताजनक है। पटना, गया, और मुजफ्फरपुर को देश के 102 ‘नॉनअटेन्मेंट सिटी’ के रूप में चिन्हित किया गया है।
पटना में वाहनों से सर्वाधिक 32 फीसद वायु प्रदूषण
बिहार के पर्यावरण, वन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह बताते हैं कि पटना में 32 फीसद वायु प्रदूषण के लिए वाहन जिम्मेदार हैं। इसके बाद 12 फीसद प्रदूषण धूल कण से होता है। शेष वायु प्रदूषण के कारणों में अवशेष काे जलाना, हिटिंग, जेनरेटर सेट आदि हैं।
उम्र के सात साल तक घटा रहा प्रदूषण, होता कैंसर
बिहार में वायु प्रदूषण पर काम करने वाली संस्था ‘सेंटर फॉर इन्वायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट’ (CEED) के सलाहकार मुन्ना झा की मानें तो उनकी संस्था के रिसर्च के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण पटना में लोगों की उम्र औसतन 7.7 वर्ष कम हो जाती है। गोपालगंज के डॉ. संदीप कुमार कहते हैं कि प्रदूषण से सांस संबंधी कई बीमारियां तो होती ही हैं, इससे कैंसर तक होता है।
राज्य सरकार ने उठाए कई कड़े कदम
पटना सहित बिहार में वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय के तहत राज्यकी नीतीश कुमार सरकार ने कई कदम उठाए हैं। बिहार में 15 साल से पुरानी सरकारी गाड़ियों पर रोक लगा दी गई है। पटना में 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहन भी नहीं चलाए जा रहे। साथ ही 15 साल पुरानी निजी गाड़ियों को नए सिरे से प्रदूषण जांच कराना अनिवार्य है। सभी निर्माण कार्य को ढ़कना अनिवार्य कर दिया गया है। नगर निगम के कचरा वाहन को ढ़कना भी अनिवार्य हो गया है। खुले वाहनों में खास तरह की चीजों को भी नहीं ढ़ाया जा सकता है। गांवों की बात करें तो किसान अब पुआल नहीं जला सकते हैं।
देश के 10 शहरों की हवा गुणवत्ता (एक्यूआइ)
(पीएम 2.5 माइक्रोग्राम)
1. गाजियाबाद- 378
2. कानपुर- 355
3. ग्रेटर नोएडा- 344
4. पटना- 337
5. नोएडा- 331
6. हिसार- 332
7. मुजफ्फरपुर- 323
8. बागपत- 321
9. दिल्ली- 312
10. लखनऊ- 312
Input : Dainik Jagran