जनअधिकार पार्टी प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पर 20 लाख रुपये की रं’गदा’री मांगने का बड़ा आ’रोप लगा है। पप्पू यादव पर यह आ’रोप बिल्डर प्रभात कुमार चौधरी ने लगाया है और पप्पू यादव के खि’लाफ गांधी मैदान थाने में एफ’आइआर दर्ज कराई है।

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प्रभात कुमार चौधरी ने आरोप लगाया है कि पप्पू यादव ने उन्हें 13 नवंबर को फोन किया था। इसके बाद वे मंदिरी स्थित उनके आवास पर गए थे। वहां यादव ने कहा कि 24 नवंबर को राजभवन मार्च है और उस दिन काफी खर्च होगा। इसके लिए आपको 20 लाख रुपए देने होंगे।

मैंने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई और उस वक्त वहां से चला आया। फिर 14 और 15 नवंबर को फोन आया और धमकी भी दी गई। मैंने इसके बाद थाने में केस दर्ज कराया है।

मामले पर एसएसपी गरिमा मलिक ने कहा है कि मामले की प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है। हालांकि पप्पू ने कहा कि मुरलीगंज के प्रभात जितना कमाए होंगे, उतना पप्पू यादव डेली लोगों को बांटता है। इनका एक गिरोह है जो लोगों को ब्लैकमेल करता है। मैं हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं।

पटना में पुलिस से भिड़े जाप समर्थक, लाठीचार्ज

जन अधिकार पार्टी (लो) ने रविवार को जनक्रांति मार्च निकाला। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और उनके समर्थकों की भट्टाचार्या रोड पर पुलिस से भिड़ंत हो गई। जाप कार्यकर्ताओं ने एक्जीबिशन रोड चौराहे पर जमकर हंगामा किया।

पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे आगबबूला हो गए और उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने भी लाठियां बरसाईं। पथराव में गांधी मैदान थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह समेत दो जवान घायल हो गए।

थानाध्यक्ष ने बताया कि पप्पू यादव, प्रेमचंद सिंह समेत पांच लोगों को नामजद करते हुए एक हजार अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पटना नगर निगम में सौंदर्यीकरण, नमामि गंगे योजना, स्मार्ट सिटी, नाला निर्माण समेत अन्य में 23 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की जांच समेत 23 सूत्री मांगों को लेकर रविवार को पप्पू यादव के नेतृत्व में जलजमाव से अत्याधिक प्रभावित रहे राजेंद्र नगर इलाके में स्थित शाखा मैदान से मार्च की शुरुआत हुई।

मुख्य मार्ग पर मार्च की भनक लगते ही पुलिस ने भट्टाचार्या रोड पर बैरिकेडिंग कर दी। तीन थानों की पुलिस को तैनात कर दिया गया। पप्पू यादव के पहुंचने पर पुलिस व मजिस्ट्रेट ने उनसे मार्च निकालने के लिए प्रशासनिक अनुमति की कॉपी मांगी। इस पर उन्होंने असमर्थता जताई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें वापस जाने को कहा।

कार्यकर्ता आगे बढऩे की जिद करने लगे। समझाने पर वे पथराव करने लगे। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, पानी की बौछार की। इसके बाद भी वे नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ता चोटिल हुए हैं।

Input : News18

 

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