बिहार की मौजूदा सरकार ने सामाजिक सुधार के मकसद से शराबबंदी कानून (Prohibition Act) लागू कर एक नजीर पेश की है. जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समय-समय पर पुलिस अधिकारियों (Police officers) और पुलिसकर्मियों से शराबबंदी कानून के तहत दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का आहवान करते हुए किसी भी बेकसूर को नहीं फंसाने की सख्त हिदायत देते रहे हैं, लेकिन पटना का एक परिवार पुलिस पर इस कानून की आड़ में फंसाने की साजिश रचने का आरोप लगा रहा है. यही नहीं, उसके पास आरोप के साक्ष्‍य भी मौजूद हैं.

परिवार ने लगाई इंसाफ की गुहार

न्यूज़ 18 के माध्‍यम से परिवार ने इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट यानी शराबबंदी कानून को लेकर पुलिस से बड़ी उम्‍मीद लगा रखी है, लेकिन पुलिस कुछ अलग ही राह पर है. जी हां, पटना पुलिस अपराधियों को पकड़ने के मामले में भले ही पीछे रह जाती हो, लेकिन शराबबंदी कानून को प्रभावी बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ती है. हालात कुछ ऐसे हैं कि पुलिस शराब नहीं मिलने पर खुद मौके पर शराब पंहुचाने का इंतजाम भी करती है और बाद में उसे बरामद कर अपनी पीठ भी थपथपाती है. गनीमत है कि पुलिस की हरकत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई नहीं, तो आलमगंज थाना पुलिस किसी को गिरफ्तार तक कर लेती.

22 नवंबर को आलमगंज थाना पुलिस बिस्कोमान कॉलोनी के शीतला मंदिर कैंपस में पहुंचती है. यहां वह शाम साढ़े छह बजे जिप्सी से विजय पांडेय के मकान का मुआयना करती है. यही नहीं, वहां काम कर रहे एक मजदूर से घर के मालिक और किरायेदार के बारे में जानकारी हासिल करती है. पुलिस के साथ ब्लू कलर की शर्ट और ब्लैक पेंट में एक शख्स भी होता है. स्थल का मुआयना करने के बाद पुलिस लौट जाती है, लेकिन इसके बाद रात 10 बजकर 16 मिनट पर दो बाइक पर सवार चार लोग आते हैं, जिसमें एक शख्स ठीक वैसी ही ब्लू शर्ट और ब्लैक पेंट पहने हुए है, जैसी जिप्सी के साथ आए युवक ने पहनी थी. यह लोग बाइक पर बोरे में शराब लेकर आए थे और उसे घर में अंदर रखकर वापस चले जाते हैं.

 

जबकि बाइक सवारों के लौटने के 15 मिनट के बाद जिप्सी से आलमगंज थाना पुलिस मौके पर पंहुचती है और उसी बोरे को बरामद करती है जिसमें शराब भरी थी. हालांकि इस दौरान पुलिस की तकरार मौके पर पंहुची घर की महिलाओं से हो जाती है. जब महिलाओें ने सारी गतिविधि की सीसीटीवी कैमरे में कैद होने की जानकारी पुलिसकर्मियो को दी तब उनके होश उड़ गए. खैर पुलिस शराब से भरी बोरी लेकर चली जाती है.

फिर पुलिस ने किया ये काम

पुलिस ने शराब तो बरामद कर ली, लेकिन घर की महिलाओं से तकरार और डीजीपी तक मामले को पंहुचाने की धमकी ने असर डाला दिया. इसके बाद आलमगंज थाने की पुलिस ने बरामद शराब को लावारिस बताकर जब्‍ती की सूची बनाई और इसे अपनी उपलब्धि करार दे डाला.

मकान मालिक ने कही ये बात

घर के लोगों की मानें तो उनका कुछ लोगों से अपनी पैतृक संपति को लेकर विवाद चल रहा है और आलमगंज थाना पुलिस चंद पैसे के लालच में विरोधियों का साथ देकर तरह तरह की साजिश रचने में लगी है. विजय पांडेय की 80 साल की मां सुमित्रा देवी का आरोप है कि आलमगंज थाना पुलिस उनके बेटे के खिलाफ पैसे के लालच में बड़ी साजिश रच रही है और किसी दिन उनकी हत्या भी करवा सकती है.

एसपी ने जांच का किया वादान्यूज़ 18 की टीम ने मामले पर जब पटना पुलिस के अधिकारियों से बात की तो विभाग में खलबली मच गई. सिटी एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सारे मामले की जांच पटना सिटी के एएसपी से करवाने की बात कही है.

Input : News18

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