RTI in Marriage: जब साल 2005 में लोक सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून अस्तित्व में आया, तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि इसका उपयोग शादी से पहले संभावित वर के स्टेटस और शादी के बाद पति की सैलरी पता करने में भी होगा। चौंकिए नहीं, ऐसा हो रहा है।

बिहार में शादी के पहले से शादी के बाद तक आरटीआइ बड़े काम का साबित हो रहा है। इसके माध्‍यम से संभावित वर से लेकर शादी के बाद पति की भी जानकारी मांगी जा रही है। लड़की के पिता शादी के पहले लड़के (वर) के चाल-चलन, नौकरी व सैलरी आदि की जानकारी मांग रहे हैं तो पत्नियां अपने पति की सैलरी पता करने में इसका सहारा ले रही हैं।

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60 फीसद निजी सूचनाएं देने से इनकार

इस साल जनवरी से लेकर अक्टूबर तक आरटीआइ के जरिए 1423 लोगों ने सूचनाएं मांगी। इनमें 645  मामलों में निजी जानकारियां मांगीं। इनमें 60 फीसद को सूचना देने से मना कर दिया गया। लेकिन 40 फीसद निजी सूचनाएं दी गईं।

शादियों में बड़े काम की आरटीआइ

शादियों के मौसम में बिहार के कई सरकारी कार्यालयों में ऐसी आरटीआइ अर्जियां पड़ी हैं, जिनमें लड़के की शैक्षणिक योग्यता, पदनाम, स्थायी नौकरी और सैलरी की जानकारी मांगी गईं हैं। लोक सूचना पदाधिकारियों के मुताबिक ये अर्जियां दिलचस्प अनुभव का अहसास कराती हैं।

सैलरी व नौकरी की ले रहे जानकारी

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में जिला प्रबंधक के रूप में पदस्थापित शेखर सिंह (बदला हुआ नाम) की शादी रांची के एक कारोबारी परिवार में तय हुई है। लड़की के पिता ने उनकी सैलरी, नौकरी स्थायी है या अस्थायी एवं शैक्षणिक योग्यता के बारे में आरटीआइ की अर्जी देकर जानकारी मांगी है। सवाल पूछा है कि एमबीए की डिग्री कहां की है?

भविष्‍य में प्रोन्‍नति को लेकर भी सवाल

इसी तरह शिक्षा विभाग में भी सात अर्जियां आई हैं, जिनमें संभावित दूल्‍हों के बारे में कई रोचक जानकारियां मांगी गईं हैं। भागलपुर के एसके शर्मा ने आरटीआइ की अर्जी शिक्षा विभाग दी है। पूछा है- लड़का नियोजित शिक्षक है पर उसका वेतन क्या है? भविष्य में उसे प्रोन्नति मिलेगी या नहीं, सैलरी बढ़ेगी या नहीं?

उम्र व व्‍यवहार को लेकर भी आरटीआइ

सारण के एक कारोबारी धनपत राय ने अर्जी देकर जयप्रकाश विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में कार्यरत लेखा पदाधिकारी के वेतन और उम्र के बारे में सूचना मांगी है। औरंगाबाद के शिव बालक यादव ने संभावित वर के व्यवहार के बारे में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से जानकारी मांगी है। जबकि, आरा के सतपाल सिंह ने दीपक राज की सैलरी की सूचना मांगी है।

हैसियत जानने को सिबिल का भी सहारा

एक सूचना अधिकारी ने बताया कि संभावित वर की आर्थिक हैसियत की सही सूचना पाने के लिए दुल्‍हन पक्ष द्वारा क्रेडिट इनफॉरमेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (सिबिल) की मदद भी ली जा रही है। सिबिल की सहायता से किसी भी व्यक्ति के कर्ज का विस्तृत ब्योरा प्राप्त किया जा सकता है। शादी से पहले लड़के वालों की सिबिल जानकारी इसलिए जुटाई जाने लगी है, क्योंकि इससे लड़के वाले की आर्थिक हैसियत का अनुमान लगाया जा सके।

पतियों की सैलरी व पेंशन पर भी नजर

ये तो हुईं शादी के पहले की अर्जियां। लेकिन शादी के बाद पत्‍नियां अपने पतियों के बारे में भी जानकारी मांग रहीं हैं। कौशल्या सिंह नामक की एक महिला ने श्रम संसाधन विभाग में आरटीआइ की अर्जी देकर पति को मिलने वाली पेंशन की जानकारी मांगी है। उन्‍होंने पूछा है कि पेंशन की राशि कितनी है और वह किस बैंक खाते में जाती है। दरअसल, यह मामला पति-पत्नी के बीच कोर्ट केस से जुड़ा है। इसी तरह मानसी शर्मा ने श्रम संसाधन विभाग में अर्जी देकर आरोप लगाया है कि पति खर्च के लिए कुछ नहीं दे रहे हैं। उन्‍हें बताया जाए कि पति की सैलरी कितनी है? किस खाते में आती है?

Input : Dainik Jagran

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