अहियापुर में जिं’दा जलाई गई युव’ती की पटना में सोमवार की रात हुई मौ’त के बाद चारों ओर आक्रो’श है। युवती के स्वजन मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े हैं। वे सीएम के पहुंचने के बाद ही पो’स्टमार्टम कराने की बात कह रहे। उनका आरोप है कि युव’ती को विगत तीन साल से परेशान किया जा रहा था।
जब-जब थाने में शि’कायत की गई, पुलिस ने कोई पहल नहीं की और आज स्थिति इस स्तर पर पहुंच गई। वे सीएम की ओर से आश्वस्त होने के बाद ही शव को पो’स्टमा’र्टम कराने की बात कह रहे। उनका कहना है कि हमारी बच्ची को इं’साफ चाहिए। आरोपितों पर त्वरित कार्रवाई की जाए।
मुजफ्फरपुर में सड़क जाम
वहीं, पटना के अपोलो अस्पताल में युवती की मौत की सूचना मिलते ही मुजफ्फरपुर में भी लोगों का आक्रो’श फूट पड़ा। मंगलवार की सुबह बैरिया गोलंबर के पास लोग एकत्रित हुए और आ’गजनी करते हुए सड़क जा’म कर दिया। इससे आवागमन बाधित हो गया। सात दिसंबर की शाम अहियापुर में जिं’दा ज’लाई गई युवती ने आखिरकार दसवें दिन राजधानी पटना के अपोलो अस्पताल में दम तो’ड़ दिया। सोमवार की देर रात आखिर में उसने दम तो’ड़ दिया। उसके मौ’त की सू’चना जैसे ही स्वजनों को लगी, अपोलो अस्पताल के अंदर और बाहर का माहौल गमगीन हो गया। स्वजनों के ची’त्कार से अस्पताल में जो जहां था, वहीं सहम गया।
93 फीसद ज’ल चुकी युवती ने सबको अपने साथ हुई घटना की हकीकत को बताया। दो बार पुलिस को बयान दिया। यह सारी कोशिश उसने बस इस बात के लिए कि उसके साथ जो हुआ और किसी के साथ नहीं हो। उसकी गं’भीर स्थिति को देख जब भी स्वजन विचलित होते या रोते तो उसकी हिम्मत उन्हें ढाढस बंधा जाती थी।इस गंभी’र माम’ले की जांच जब नगर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व वाली टीम ने शुरू की और निजी अ’स्पताल का रिकार्ड खंगाला गया तो अस्पताल प्रबंधन की ओर से सूचना दी गई कि युवती के भर्ती होने के बाद थाने को सूचना भेजी गई थी। इस तथ्य के सामने आने के बाद तत्काल सिटी एसपी ने संबंधित अहियापुर थानाध्यक्ष से जवाब मांगा। पूछा कि आखिर कौन थे ऑन-ड्यूटी ऑफिसर, यदि सूचना मिली तो तत्काल कौन गए और वरीय अधिकारियों को इतनी बड़ी घटना की जानकारी देने में देरी क्यों हुई।
Input : Daink jagran