नागरिकता कानून(Citizenship Act) को लेकर देश के कई हिस्सों में हिं’सक प्र’दर्शन हुए. उत्तर प्रदेश भी इसमें शामिल रहा. CAA के विरोध प्र’दर्शनों में हिं’सा के दौरान उत्तर प्रदेश में सार्व’जनिक और निजी संप’त्ति को नुक’सान पहुंचाया गया. इसके बाद राज्य की योगी सरकार ने कहा था कि वह नुकसान की भरपाई उ’पद्र’वियों से ही करेगी. अब इसकी शुरुआत हो चुकी है.

लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने इसके लिए चार सदस्यीय पैनल का गठन किया है. यह पैनल नागरिकता संशोधन कानून के खि’लाफ प्र’दर्शन के दौरान हुए नु’कसान का आकलन करेगा. यह पैनल उन उ’पद्रवियों की पहचान करेगा, जिन्होंने तो’ड़-फो’ड़ की और उन पर जु’मार्ना लगाएगा.

वहीं अगर पहचाने गए उ’पद्रवी राशि का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो उनकी संपत्तियों को जब्त कर नीलाम किया जाएगा. यह आदेश 2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर आधारित है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इस आदेश के अनुसार, सरकार को होने वाले नु’कसान से उबरने के लिए ऐसा करने की अनुमति है.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीएए प्रोटेस्ट के बाद कहा था कि हिं’सा में शामिल लोगों को सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान के लिए भुगतान करना होगा. उनकी संपत्तियों को सरकार जब्त कर लेगी क्योंकि कई चेहरों की वीडियो फुटेज के माध्यम से पहचान हुई है.

जिला अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज से कई उप’द्रवियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू की है. इसके अलवा कई समाचार चैनलों द्वारा बनाई गई वीडियो की रिकॉर्डिग भी उ’पद्रवियों के पहचान के लिए इस्तेमाल की जाएगी.

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