नया साल 2020 राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के लिए नया सवेरा लेकर आ रहा है।
इस खुशनुमा सुबह की आहट लालू अभी से ही पूरी शिद्दत से महसूस कर रहे हैं। नव वर्ष में जहां सीबीआइ का डर थोड़ा कम होगा, वहीं करीब 11 गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लालू की सेहत भी सुधर जाएगी। रांची के रिम्स में इलाजरत गरीब-गुरबों के मसीहा यहां मनमानी तरीके से हफ्ते में दो-तीन दिन अपना सियासी दरबार भी लगा सकेंगे। संभव हुआ तो लालू अब बेहतर इलाज के नाम पर रांची से बाहर भी भेजे जा सकते हैं। झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद की महागठबंधन की सरकार बनने के बाद चारा घोटाला के चार मामलों के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को अब सरकारी तौर पर खासी राहत मिलने की उम्मीद बलवती हो गई है। इस बारे में भाजपा विरोधी राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले लालू ने खुले तौर पर कहा है कि झारखंड में हेमंत की सरकार बनने से उनकी मनोकामना पूरी हो गई है।
बहरहाल देश के बहुचर्चित हजारों करोड़ के चारा घोटाले के चार मामलों में जेल की सजा भुगत रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को झारखंड में अपनी सरकार बनने से संजीवनी मिलती दिख रही है। इसे बीते दिन झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत मिलने के बाद महागठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने सार्वजनिक तौर पर लालू यादव का आभार जताकर प्रकट भी कर दिया है। नई सरकार में लालू के गिरते स्वास्थ्य को लेकर बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही उनसे मिलने-जुलने के प्रतिबंध में ढील दिए जाने के प्रति राजद अध्यक्ष खासे आश्वस्त दिख रहे हैं। यहां वे पुरानी सरकार की बंदिशों से इतर अब खुलकर जेल से राजनीति कर सकेंगे।
बता दें कि सीबीआइ भी सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर लालू पर जेल से राजनीति करने का गंभीर आरोप लगा चुकी है। जहां तक सेहत की बात है केंद्रीय जांच एजेंसी ने रांची के रिम्स में इलाजरत लालू प्रसाद यादव का बेहतर इलाज कराए जाने की बात कही है। झारखंड हाई कोर्ट में चारा घोटाले के दुमका मामले में जमानत का विरोध करते हुए तब सीबीआइ की ओर से कहा गया था कि लालू को मौजूदा दौर में जान का कोई खतरा नहीं है। उन्हें जो भी बीमारियां हैं उनका सही इलाज रिम्स में कराया जा रहा है।
अभी लालू से मुलाकात को लेकर जेल प्रबंधन ने कड़े नियम बना रखे हैं। उनसे रोज-रोज मिलना मुश्किल है। हफ्ते में सिर्फ एक दिन शनिवार को रांची के रिम्स में लालू से महज तीन लोगों को मिलने की इजाजत दी जाती है। इस बार में कई बार उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव और परिजन सार्वजनिक तौर पर शिकायत भी कर चुके हैं। महागठबंधन की सरकार बनी तो अब मुलाकातियों के मामले में लालू को पुरानी सरकार के मुकाबले नई सरकार में राहत मिल सकती है।
Input : Dainik Jagran