सीजन का पहला कोल्ड डे बुधवार को रहा। अधिकतम तापमान 17.5 डिग्री रहा, जो सामान्य से 6 डिग्री कम रहा। यही कोल्ड डे का मानक भी है। वहीं, न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री पर ठहरा, जो सामान्य से 3 डिग्री कम था। इससे अन्य दिनों की अपेक्षा सड़कों पर कम दिखे लोग।

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शाम होते बर्फीला हुआ मौसम : बुधवार को आम दिनों की तरह धूप तो निकली। लोगों को क्रिसमस में चर्च घूमने में पूरा उत्साह दिखा। जुब्बा सहनी पार्क में भी भीड़ उमड़ी हुई थी। लेकिन, धूप के बाद मौसम ने करवट बदली। देखते ही देखते कुहासा छाने लगा। मौसम सर्द हो चला। शाम होते बर्फीली हवाएं चलने लगी।

सीजन का सर्वाधिक ठंडा दिन : शीतकालीन मौसम में बुधवार सर्वाधिक ठंडा दिन रहा। यही नहीं वर्ष 1998 से 2019 तक की अवधि में तीसरा ऐसा मौका है जब 25 दिसंबर सर्वाधिक ठंडा दिन रहा है। कोल्ड डे भी रहा। इससे पहले 25 दिसंबर 2012 सर्वाधिक ठंडा दिन था, जब अधिकतम पारा 12 डिग्री पर पहुंचा था। इस क्रम में 2014 में 14 डिग्री और अब 2020 में 17. 5 अधिकतम तापमान रहा।

बस पड़ाव में दिखने लगा शीतलहर का असर : बढ़ती शीतलहर का असर बैरिया बस पड़ाव में दिखने लगा है। यात्रियों की संख्या में कमी आई है। शीतलहर के बढ़ते असर से सुबह आठ बजे तक यात्रियों की कमी रहती है। शाम चार बजे के बाद कम यात्री दिखाई पड़ते हैं। बैरिया बस पड़ाव स्थल समिति की ओर से अलाव का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। जिसका सीधा असर यात्रियों पर पड़ रहा है। बस संचालक कैलाश मिश्र कहते हैं कि आपसी सहयोग से अलाव की व्यवस्था होती है। जिससे यात्रियों को थोड़ी देर के लिए राहत मिलती है। सुबह व शाम में अधिकांश सीटें खाली ही रह जाती हैं। रात्रि में पटना, रांची, टाटा व अन्य जगहों के लिए जाने वाली बसों के यात्रियों में कमी आई है।

शीत के प्रकोप से करें फसलों का बचाव

मुजफ्फरपुर : शीत के प्रकोप से बचने के लिए किसानों को इन बातों का ध्यान रखना है। आलू, गाजर, मटर, टमाटर, धनिया व लहसुन में झुलसा रोग की निगरानी करें। नमी होने पर यह बीमारी फसलों में काफी तेजी से फैलती है। इस रोग में फसलों की पत्तियों के किनारे व सिरे से झुलसना प्रारंभ हो जाता है। इस रोग के लक्षण दिखने पर 2.5 ग्राम डाई इथेन एम 45 फफूंदनाशक दवा का उपयोग करें। प्रति लीटर पानी की में घोल बनाकर फसलों पर 2 – 3 बार छिड़काव करें।

इस सप्ताह ठंड का प्रकोप जारी रहेगा। सुबह व शाम को घना कोहरा रहेगा। हालांकि, तराई के जिलों में कुहासा के चलते दिन में भी अंधेरा जैसा होने की संभावना है।

डॉ. ए. सत्तार, मौसम वैज्ञानिक, पूसा

  • 25 साल में बुधवार तीसरी बार सर्वाधिक ठंडा दिन
  • उत्तर भारत की बर्फीली हवाएं जिले तक पहुंचीं, आज भी कोल्ड डे का अलर्ट
  • अगले एक सप्ताह शीत का प्रकोप रहेगा जारी, सुबह व शाम होते ही धुंध घना होने का अनुमान

मुजफ्फरपुर : ठंड बढ़ने के साथ इससे जुड़ी बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगा है। यह मौसम विशेषकर उम्रदराज लोगों के लिए खतरनाक साबित होने लगा है। इस समय दिल की बीमारी से लेकर अस्थमा के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं सीवीए से ग्रसित मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। इससे ग्रसित शिवहर के शंकर चौधरी (68) की मौत इलाज के दौरान एसकेएमसीएच में हो गई। वहीं दो महिलाओं समेत चार मरीजों को भर्ती किया गया है। एसकेएमसीएच के औषधि विभाग के वरीय चिकित्सक डॉ. अकील अहमद मुमताज एवं शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि दिसंबर से इन मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इसका कारण ठंड है। इस मौसम में ठंड से बचाव बहुत जरूरी है। इसके प्रति थोड़ी सी लापरवाही से जान तक जा सकती है। अस्थमा, उच्च रक्तचाप के साथ ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है। पक्षाघात की शिकायत भी बढ़ने लगी है। इन सावधानियों को बरतें : औषधि विभाग के वरीय चिकित्सक सतीश कुमार सिंह एवं डॉ. विजय राय बताते हैं कि इस मौसम में रक्तचाप एवं मधुमेह से ग्रसित मरीजों को नियमित रूप से जांच के साथ दवा लेने की जरूरत है। ठंड के दिनों में रक्त की नली में सिकुड़न आ जाती है। इससे खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। इससे लोग पक्षाघात के शिकार हो सकते हैं। रक्तचाप के मरीज एवं उम्रदराज लोग ठंड में बाहर घूमने नही निकलें। बाहर निकलने पर पूरी तरह गर्म कपड़े पहनें।

Input : Dainik Jagran

 

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