डिप्टी CM बोले- NPR में किसी को न लाइन में लगने की जरूरत न कागज देने की
भारतीय जनता पार्टी के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) को लेकर कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि एनपीआर को लेकर कांग्रेस और आरजेडी आम जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं कि लोगों को लाइन में लगना पड़ेगा और कागज दिखाना पड़ेगा. हालांकि सच्चाई यह बिल्कुल भी नहीं है.


बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनपीआर के लिए किसी को न तो लाइन में लगने की जरूरत है और न ही कागज दिखाने की जरूरत है. एनपीआर साल 2010 से लागू है. समय-समय पर इसकी प्रश्नावली बदलती रहती है. इस बार भी कुछ जोड़ा गया, जिसमें मोबाइल नंबर, आधार नंबर और बाप-दादा के नाम व जन्मतिथि शामिल हैं. हालांकि अगर कोई ये जानकारी नहीं बताना चाहता है, तो कोई अनिवार्य नहीं हैं.

बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जो लोग एनआरसी और एनपीआर को एक जैसा मानते है, वो भ्रम फैला रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं मुस्लिम भाइयों से अपील करना चाहता हूं कि वो बहकावे में न आएं, जैसे पहले जनगणना होती थी वैसे ही घर-घर जाकर एनपीआर होगा. इसके लिए किसी को लाइन में लगने की जरूरत नहीं हैं.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर बिहार में कोई भ्रम की स्थिति नहीं है. इसको लेकर जेडीयू की तरफ से संजय झा ने भी साफ कर दिया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मसले पर सदन में डेबिट की भी बात की थी, जो किसी भी विषय पर हो सकती है. सुशील कुमार मोदी ने कहा, ‘मैं तो चाहता हूं कि फरवरी के तीसरे हफ्ते में होने वाले विधानसभा सत्र में इस मसले पर डिबेट हो. एनआरसी के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साफ कहा है कि अब तक एनआरसी का कोई प्रारूप नहीं बना है.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का यह बयान उस समय सामने आया है, जब सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर कांग्रेस और आरजेडी समेत कई विपक्षी दल विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के लोग भी सीएए और एनपीआर के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं.

Input : Aaj Tak

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