रेलवे बोर्ड होली के बाद रामभक्तों के लिए नए कलेवर में रामायाण एक्सप्रेस ट्रेन चलाने जा रहा है। कोच के बाहर रामायाण से जुड़े तमाम चित्र बने होंगे। सफर के दौरान ट्रेन में कोच के भीतर भगवान राम से जुड़े भजन-कीर्तन और हनुमान चालीसा गूंजेगी। इससे सैकड़ों तीर्थयात्रियों को ट्रेन एक चलते-फिरते मंदिर में मौजूदगी का एहसास कराएगी। रामायण एक्सप्रेस का रूट व किराए की घोषणा अगले हफ्ते कर दी जाएगी।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया कि 10 मार्च के बाद रामायण एक्सप्रेस को चलाने की योजना है। अगले हफ्ते इसका सालाना कार्यक्रम, रूट व किराया तय कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रेन देश के उत्तर, दक्षिण, पूर्व व पश्चिमी भाग में अलग-अलग तीर्थ स्थलों के दर्शन कराएगी।
गत 14 नवंबर से पहली श्रीरामायण एक्सप्रेस सेवा शुरू की गई थी। इसमें 800 तीर्थयात्री सफर कर सकते हैं। इसके दायरे में रामायण सर्किट के स्थानों- नंदीग्राम, सीतामढ़ी, जनकपुरी, वाराणसी, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट, नासिक, हंपी, अयोध्या व रामेश्वरम शामिल हैं। नई रामायण एक्सप्रेस का रूट बाद में तय किया जाएगा। रामायण एक्सप्रेस को भविष्य में नेपाल में जनकपुर से भी जोड़ा जा सकता है। विदित हो कि नेपाल सरकार के सहयोग से रेलवे ने जयनगर से जनकपुर तक रेलवे लाइन बिछा दी है।