राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जदयू से अलग होने के बाद पहली बार पटना पहुंचे और मीडिया से मुखातिब हुए। प्रेस कांफ्रेंस में प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला और कहा कि बिहार में किसी का पिछलग्गू नहीं, एक मजबूत नेता की जरूरत है जो अपने फैसले खुद ले सके।

प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश को लेकर बड़ी बात कही, कहा कि अगर आपके किसी के आगे झुकने से भी बिहार का विकास हो रहा है, तो मुझे आपत्ति नहीं है। लेकिन क्या इस गठबंधन के साथ रहने से बिहार का विकास हो रहा है? सवाल यह है। लेकिन इतने समझौते के बाद भी बिहार में इतनी तरक्की हो गई है? क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिला?’

मेेरे लिए पितातुल्य हैं नीतीश कुमार, वैचारिक है मतभेद

प्रशांत किशोर ने बताया कि वो दिसंबर 2014 में पहली बार नीतीश कुमार से मिले थे और जिस तरह से नीतीश जी ने मुझे अपने साथ रखा, वह किसी बेटे की तरह ही रखा। उन्होंने बहुत स्नेह दिया। जब मैं उनके दल में था, तब भी और उससे पहले भी, तो मैंने भी उन्हें पितातुल्य माना।’

बिहार की नीतीश सरकार के कामकाज पर उठाया सवाल

उन्होंने बिहार में पिछले 10 से 12 वर्षो में किये गए काम का हवाला देकर नीतीश सरकार के काम पर सवाल उठाते हुए प्रशांत ने कहा कि आज भी बिहार वहीं है जहां पिछले 15 वर्षों से था। एेसा नहीं कि बिहार में विकास का काम नहीं हुआ है, लेकिन जैसा हो सकता था, वैसा काम नहीं हो सका।

प्रशांत किशोर अब करेंगे ‘बात बिहार की’ 

प्रशांत किशोर ने आगे कहा, ‘मैं यहां किसी राजनीतिक पार्टी का ना ही ऐलान करने जा रहा हूं और ना ही किसी गठबंधन के काम में मेरी कोई दिलचस्पी है। मैं बिहार में नया कैंपेन शुरू कर रहा हूं- बात बिहार की। मेरा लक्ष्य सिर्फ बिहार की तस्वीर को बदलना है। उन्होंने कहा कि सभी साढ़े आठ हजार पंचायत के करीब दस लाख युवा बिहार बदलाव के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसी क्रम में किशोर ने एक आकंड़ा जारी कर बिहार में पिछले 15 वर्ष के विकास की तुलना भी की।

गांधी-गोडसे साथ नहीं चल सकते

प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को यह तय करना होगा कि वो किसके साथ हैं । एक ओर वे कहते हैं कि वे बापू-जेपी-लोहिया के आदर्शों को नहीं छोड़ सकते हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर वे गोडसे को मानने वाले लोगों के साथ खड़े होते हैं, ऐसा कैसे हो सकता है? बापू और गोडसे साथ नहीं चल सकते। प्रशांत किशोर ने कहा कि फिलहाल वो बिहार में कोई पॉलिटिकल पार्टी नहीं खड़ी करने जा रहे हैं। लेकिन बिहार में बदलाव लाने के लिए काम करना चाहते हैं।

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