आधार को वोटर कार्ड से लिंक करने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर कानून मंत्रालय विचार कर रहा है। इससे अपने चुनाव क्षेत्र से बाहर रहते हुए भी मतदाता अपना वोट डाल सकेंगे। मंत्रालय ने मंगलवार को मुख्य़ चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र और अशोक लवासा से विचार विमर्श के बाद ये बात कही बैठक में सीईसी ने कानून मंत्रालय को चुनावी सुधारों के लिए उत्तरार्द्ध के साथ लंबित 40 प्रस्तावों को ट्रैक करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
चुनावी सूची को लोगों के आधार से जोड़ने को लेकर मंत्रालय सचिव ने सकारात्मक रवैया दिखाया और चुनाव आयोग को भरोसा दिलाया कि कि इसके लिए कैबिनेट नोट तैयार किया जाएगा। हालांकि इसके लिए कोई समय नहीं दिया गया है। एक अधिकारी ने जानकारी दी कि लिंकिंग की प्रक्रिया पूरी होने पर मंत्रालय चुनाव क्षेत्र से बाहर रहकर वोट कर पाने की तकनीक पर काम करेगा। चुनाव आयोग ने इस बदलाव के लिए 2015 में प्रस्ताव दिया था ताकि लोग दूर रहकर भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। वर्तमान में अपने मूल घरों से दूर रहने के चलते लोग वोट करने के अधिकार से वंचित रह जाते हैँ।
मंत्रालय के आगे दूसरी जिस बात पर चुनाव आयोग ने जोर दिया वह फर्जी एफिडेविड भरे जाने और पेड न्यूज को लेकर थी। साथ ही चुनाव आयोग ने चुनावी कानूनों को जेंडर न्यूट्रल बनाने पर दबाव डाला। वर्तमान में एक सेना के कर्मचारी की पत्नी को सर्विस वोटर के रूप में एनरोल किया जाता है जबकि सेना की महिला कर्मचारी के पति को ये अधिकार नहीं है। बता दें इससे पहले खबर थी कि अगस्त 2019 में चुनाव आयोग की ओर से कानून मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी गई थी, जिसमें अपील की गई थी कि जो नए वोटर आईडी कार्ड के लिए आवदेन कर रहे हैं, उनके आधार को लिंक करने पर विचार किया जा सकता है। इसमें अभी तक के वोटरों को भी जोड़ा जा सकता है।