राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का 808वां उर्स शुरू हो चुका है. ऐसा कहा जाता है कि उर्स में ख्वाजा साहब अपने चाहने वालों पर रहमत की बारिश करते हैं और इसलिए इस दौरान बड़ी संख्या में जायरीन ख्वाजा के दर पर पहुंचते हैं.
वो यहां मन्नती धागा बांधते हैं. साथ ही उर्स में आने वाले जायरीनों के लिए आकर्षण का केंद्र वो दरवाजा भी रहता है, जिसके बारे में धार्मिक मान्यता है कि जो एक बार इस दरवाजे से गुजर जाता है उसे जन्नत मिलती है. आज हम बात करेंगे उसी दरवाजे की जिसे आम ज़बान में ‘जन्नती दरवाजा’ कहा जाता है. तो क्या है जन्नती दरवाजे का महत्व? जानने के लिए ये खास रिपोर्ट देखिए.
Input : Aaj Tak