नगर निगम में विकास योजनाओं के चयन एवं कार्यान्वयन में भेदभाव किया जा रहा है। निगम प्रशासन चेहरा देखकर काम कर रहा है। दो साल पूर्व स्वीकृत योजनाओं को लंबित रखकर चहेतों के काम को आगे बढ़ाया जा रहा है। आटो टिपर के आरोपी सहायक अभियंता तीन साल से अधिक समय से निगम में जमे हैं और जमकर मनमानी कर रहे है।
यदि निगम में भेदभाव का यह खेल बंद नहीं हुआ और दागी सहायक अभियंता को निगम से नहीं हटाया गया तो उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। उपमहापौर ने इस आशय का पत्र नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा को भेजा है। निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली से वे न सिर्फ नाराज है बल्कि मर्माहत हैं। पत्र में उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश की है।
उपमहापौर ने कहा है कि वार्ड 26, 48 एवं 49 की योजना दो-तीन साल से स्वीकृति के बाद भी निगम में लंबित है। पूर्व में लंबित योजनाओं की अनदेखी कर चुनिंदा पार्षदों की नई योजनाओं का कार्यान्वयन किया जा रहा है। यह निगम की मनमानी नहीं तो और क्या है। निगम के सहायक अभियंता नंदकिशोर ओझा आटो टिपर घोटाला के आरोपी है। उनपर प्राथमिकी दर्ज है। बावजूद वे तीन साल से निगम में प्रतिनियुक्ति पर हैं और मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने लंबित योजनाओं को प्राथमिकता देने एवं दागी अभियंता की सेवा लौटाने को कहा है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे अपने पद से इस्तीफा देेने को तैयार हैं।
उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला ने कहा कि घोटाले का आरोपी सहायक अभियंता निगम में अपनी मनमानी कर रहा है। बोर्ड की बैठक में तीन साल से जमे ऐसे लोगों को बदलने की प्रस्ताव पारित हो चुका है बावजूद उनको हटाया नहीं जा रहा है।
वहीं इस बारे में नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कहा कि उनके स्तर से कोई योजना लंबित नहीं है। उनके पास जो भी काम आ रहा है उसका वे त्वरित निष्पादन कर रहे है। निचले स्तर से किसी प्रकार की लापरवाही बरती जा रही है तो इस पर वे संज्ञान लेंगे।
Input : Dainik Jagran