सां’वली होने पर बहू की पी’ट पी’टकर बे’रहमी से ह’त्या कर देने के मामले में शुक्रवार को सास के खि’लाफ कोर्ट ने उम्रकै’द की स’जा सुनायी। मामला बरूराज के धूमनगर इलाके से जुड़ा है।
एडीजे-आठ पुनीत कुमार गर्ग ने दोषी धूमनगर निवासी सास सलेहरी देवी को उम्रकैद के साथ दस हजार रुपये जुर्माना की भी सजा सुनायी। मामले में कोर्ट ने विवाहिता के पति शिवपूजन महतो व देवर पुलिस महतो को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। पीड़ित का पक्ष अपर लोक अभियोजक अंगद राय ने कोर्ट के समक्ष रखा। मामला दहेज हत्या व आदि धाराओं में दर्ज था। लेकिन, कोर्ट ने दहेज हत्या साबित नहीं हो सकी। धूमनगर निवासी राधिका देवी की हत्या 31 मार्च 2018 को कर दी थी।
मृतका राधिका देवी के पिता वैशाली के वैशाली थाना क्षेत्र के कुतुबपुर निवासी शिवशंकर महतो ने एक अप्रैल 2018 में बरुराज थाने में एफआईआर करायी थी। उन्होंने दमाद शिवपूजन महतो, उसकी मां सलेहरी देवी, भाई पुलिस महतो समेत सात को नामजद किया था। शिवशंकर महतो ने पुलिस को बताया कि अप्रैल 2017 में पुत्री राधिका की शादी शिवपूजन महतो से हुई थी। शादी के समय से ही दामाद शिवपूजन महतो सांवले रंग को लेकर पुत्री को प्रताड़ित करने लगा। ससुराल वाले भी उसे श्यामली कहकर प्रताड़ित करने लगे। दहेज के रूप में एक लाख की मांग की जाने लगी। रुपये नहीं लाने पर हत्या की धमकी दी गई। एक अप्रैल 2018 को मेरे बेटी के ससुराल से मोबाइल पर कॉल आयी कि आपकी बेटी बहुत बीमार है। सूचना पर मैं धूमनगर गया। बेटी का शव देखा। मेरी बेटी का सिर कुचला था। शव खून से लथपथ था। पुत्री की हत्या में दामाद, उसकी मां व अन्य पर केस किया था।
सास समेत तीन पर हुई थी चार्जशीट
पुलिस ने राधिका की हत्या में पति शिवपूजन महतो, सास सलेहरी देवी व देवर पुलिस राय के खिलाफ 14 जनवरी 2019 को चार्जशीट दाखिल की थी। एपीपी अंगद राय ने बताया कि सुनवाई के दौरान शिव व पुलिस ने कोर्ट में बताया कि घटना के समय वे दूसरे प्रदेश में थे। टिकट व अन्य साक्ष्य पेश करने पर दोनों बरी हो गए। ठोस सामान से राधिका के सिर पर वार किया गया था। सास सांवले रंग को लेकर बहू को प्रताड़ित करती थी। सजा सुनाये जाने के बाद सलेहरी देवी ने हंगामा भी किया।
Input : Hindustan