पिछले दिनों एक ख़बर आई. असम की एक महिला जाबेदा बेगम  ने अपनी नागरिकता साबित करने के लिए पैन, आधार, वोटर कार्ड जैसे 15 डॉक्यूमेंट पेश किए, लेकिन गुवाहाटी हाईकोर्ट में अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाईं. इससे पहले फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में उन्हें विदेशी घोषित किया गया था. अब उन्हें साबित करना है कि वो भारत की नागरिक हैं. तमाम काग़ज़ भी उनकी मदद नहीं कर पा रहे हैं.

RTI से पीएम मोदी की नागरिकता का सर्टिफिकेट मांगा, PMO ने क्या जवाब दिया?

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के बाद से देश के कई हिस्सों में तूफान आया हुआ है. इसके साथ NRC-NPR का नाम भी लिया जाता है. नागरिकता कैसे साबित हो, इसके लिए कौन से काग़ज़ होने चाहिए, ऐसी बातें चल रही हैं. कुल मिलाकर कन्फ्यूज़न वाला माहौल है.

इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नागरिकता को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से एक सवाल पूछा गया. शुभांकर सरकार ने RTI लगाई. पीएम मोदी की नागरिकता का सर्टिफिकेट मांगा. इस पर PMO ने जवाब दिया कि पीएम मोदी जन्म से भारत के नागरिक हैं.

17 जनवरी, 2020 को दायर RTI याचिका में सवाल था,

कृपया हमारे सम्मानित प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी की नागरिकता का सर्टिफिकेट दिखाइए.

इस पर PMO के अंडर सेक्रेटरी प्रवीन कुमार की तरफ से जवाब दिया गया,

प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी नागरिकता कानून, 1955 के सेक्शन 3 के तहत जन्म से भारत के नागरिक हैं. ऐसे में सर्टिफिकेट का सवाल नहीं उठता, जो कि रजिस्ट्रेशन से नागरिकता के लिए होता है.

शुभांकर सरकार की तरफ से दायर की गई RTI याचिका पर PMO का जवाब.
शुभांकर सरकार की तरफ से दायर की गई RTI याचिका पर PMO का जवाब.

नागरिकता कानून, 1955 का सेक्शन 3

नागरिकता कानून, 1955 के सेक्शन 3 में जन्म से नागरिकता की बात है. इसमें कहा गया है कि-

1. सब-सेक्शन (2) को छोड़कर हर वो शख्स भारत का नागरिक है जो-

(a) 26 जनवरी, 1950 से 1 जुलाई, 1987 के बीच भारत में पैदा हुआ हो.

(b) 1 जुलाई, 1987 से लेकर नागरिकता संशोधन कानून, 2003 लागू होने तक भारत में पैदा हुआ हो और माता-पिता में कोई भी भारत के नागरिक हों.

(c) नागरिकता संशोधन कानून, 2003 लागू होने के बाद, जिसमें-

(i) माता-पिता दोनों भारत के नागरिक हों.
(ii) माता-पिता में कोई एक भारत का नागरिक हो और दूसरा अवैध प्रवासी ना हो.

2. कोई व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं होगा अगर;

(a) उसके माता-पिता को मुकदमों और कानूनी प्रक्रिया से छूट मिली हो, जो भारत के राष्ट्रपति की तरफ से एक विदेशी संप्रभु सत्ता के दूत को दी जाती है.

(b) उसके माता-पिता दुश्मन देश से हों और जन्म किसी दुश्मन देश के कब्जे वाले क्षेत्र में हुआ हो.

Courtesy : The Lallantop

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