कोरोना ने श्रद्धालुओं और पुजारियों को भी डरा दिया है। श्रद्धालु मास्क लगाकर मंदिरों में पूजन और दर्शन को पहुंच रहे हैं। वहीं पुजारी भी कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क या मुंह पर गमछा लपेट कर पूजा करवा रहे हैं। मंदिरों के पास श्रद्धालुओं को कोरोना को लेकर जागरूक करने के लिए पोस्टर भी लगवाए गए हैं। शहर के प्रमुख मंदिरों में इसी तरह के नजारे आम हो गए हैं।
रविवार को देश के प्रसिद्ध व तीन सौ वर्ष प्राचीन महावीर मंदिर पटना जंक्शन में पूजा और हनुमानजी के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं में अधिसंख्य ने मास्क या मुंह पर गमछा या रुमाल लगा रखे थे। श्रद्धालु मंदिर परिसर के बाहर में लगे नलों पर अच्छे से हाथ-पैर धोकर ही मंदिर में प्रवेश और नैवेद्यम खरीदने पहुंच रहे थे। वहीं श्रद्धालुओं को पूजा करा रहे और भगवान को लड्डू का भोग लगा रहे पुजारियों ने भी मुंह पर एहतियातन गमछा लपेट रखा था। मंदिर प्रबंधन से जुड़े पं.भवनाथ झा ने बताया कि कोरोना को लेकर मंदिर के सभी कर्मी काफी एहतियात बरत रहे हैं।
वहीं श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए दो पोस्टर भी लगाए गए हैं। इसमें यह संदेश दिया गया है कि हाल ही में विदेश से आए या विदेशी लोगों के संपर्क में रहे लोग कृपया करके निकट के अस्पताल से कोरोना वायरस नहीं होने का एक सर्टिफिकेट लेकर ही मंदिर में दर्शन-पूजन को आएं।
मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल के मुताबिक सोमवार से महावीर मंदिर में नैवेद्यम लड्डू के साथ जड़ी बूटी की पुड़िया भी दी जाएगी। जड़ी-बूटी की इस पुड़िया में इलायची,लौंग,कर्पूर और जावित्री दी जाएगी। नैवेद्यम लड्डू खरीदने वाले हर श्रद्धालु को कोरोना से बचाव के लिए यह पुड़िया मुफ्त में जी जाएगी।
पं.झा के मुताबिक कोरोना से बचाव और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कर्पूर,लौंग,इलायची ,जावित्री आदि काफी कारगर है। बता दें पटना के महावीर मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को लाखों श्रद्धालु पूजन-दर्शन को आते हैं। रोजाना भी इस मंदिर में हजारों हजारों की तादाद में श्रद्धालु पूजा करने पहुंचते हैं। चैती नवरात्रि और रामनवमी को लेकर मंदिर प्रबंधनों ने एहतियात बरतनी शुरू कर दी है। चैती नवरात्रि 25 मार्च से और रामनवमी दो अप्रैल को है।
Input : Hindustan