सरकारी अस्पतालों में अब जन्म के साथ ही नवजात का आधार कार्ड बन जाएगा। 24-25 मार्च को ट्रायल के बाद यह प्रक्रिया शुरू हाे जाएगी। यूआईडी जेनरेट करने वाले करीब 350 ब्लॉक कॉम्युनिटी मोबिलाइज़र (बीसीएम) इस काम के लिए तैनात किए जाएंगे। आधार बन जाने से जहां बच्चाें काे सरकारी योजनाओं का लाभ अासानी से मिल पाएगा। वहीं उनका जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में भी माता-पिता काे मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा। राज्य स्वास्थ्य समिति पूरे प्रदेश के सभी जिला (सदर) अस्पतालों, सब-डिवीजन अस्पतालों (एसडीएच) के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में आधार कार्ड बनाने की व्यवस्था 15 मार्च से ही करने वाली थी, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से अब इसे मार्च अंत या अप्रैल के पहले हफ्ते से शुरू किया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य समिति के अनुसार बीसीएम के लिए टैब की व्यवस्था कर दी गई।

24-25 मार्च को ट्रायल, 350 ब्लॉक कॉम्युनिटी मोबिलाइजर को आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी

बिहार के 38 में से 36 जिलों में सदर अस्पताल हैं और पिछले दिनों पटना सिटी स्थित गुरु गोविंद सिंह अस्पताल को पटना के सदर अस्पताल का दर्जा मिलने के बाद इनकी संख्या 37 हो चुकी है। दरभंगा को छोड़ बाकी सभी जिलों में सदर अस्पताल चालू हैं और इन सभी जगह आधार बनाने की व्यवस्था रहेगी। इसी तरह सभी अनुमंडलों और प्रखंडों के सरकारी अस्पतालों में भी नवजात का आधार बनेगा। राज्य स्वास्थ्य समिति ने तीनों स्तरों पर एक साथ इसे शुरू कराने के लिए ब्लॉक कॉम्युनिटी मोबिलाइज़र को यूआईडी अथॉरिटी से ट्रेनिंग दिलवाई, लेकिन अभी करीब 350 बीसीएम ही इसकी परीक्षा पास कर सके हैं, इसलिए सारे सदर अस्पताल और एसडीएच के बाद पीएचसी में इनकी तैनाती की जाएगी।

टैब से ली जाएगी बच्चे की तस्वीर, मां के आधार से प्रमाणीकरण, 20 से 90 दिन में आ जाएगा कार्ड

फिलहाल बच्चे के जन्म के साथ अस्पताल में सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के तहत जन्म पंजीयन के लिए कागज पर एंट्री ली जाती है। नए सिस्टम में सीआरएस पंजीयन यह एंट्री उसी दिन संबंधित अस्पताल के बीसीएम के टैब में भी फीड कर दी जाएगी। अगले दिन इसी पंजीयन नंबर के साथ टैब लेकर बीसीएम बच्चे के पास पहुंचेंगे और अस्पताल में भर्ती मां की यूआईडी से ऑथेंटिकेशन करा कर तत्काल बच्चे की तस्वीर भी ले लेंगे। प्राथमिकता मां की रहेगी, लेकिन पिता के आधार से भी यह संभव होगा। यानी, जन्म के 20 से 90 दिनों के भीतर बच्चे का आधार बनकर आ जाएगा। फिर बच्चा जब 5 साल का होगा तो प्रक्रिया के तहत उसका बायोमीट्रिक और आईलैश अपडेट कराना होगा।

 

इस तरह बनेगा नवजातों का आधार कार्ड

टैब बीसीएम को उपलब्ध कराया जा रहा है। माता/पिता के ऑथेंटिकेशन के लिए जरूरी बायोमीट्रिक इक्वीपमेंट उन्हें खुद लेना है। यूआईडी अथॉरिटी जो 50 रुपए प्रति आधार देगी, इसमें से 40 रुपए बीसीएम के होंगे और 10 रुपए प्रशासनिक खर्च के रूप में जमा होंगे। सरकारी अस्पतालों के सभी नवजात को कवर करना प्राथमिकता रहेगी, ताकि योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके।
-मनोज कुमार, कार्यकारी निदेशक – राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार

Input : Dainik Bhaskar

 

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