सरकार लगातार सलाह दे रही है कि चेहरे को बार-बार छूने से बचें क्योंकि इस तरह संक्रमण फैलने की संभावना सबसे अधिक है। पर यह इंसानी आदत है कि हम दिन में अनगिनत बार चेहरे को छूते हैं। खुशी की बात हो या किसी वक्त परेशानी हो तो हमारा हाथ खुद ब खुद चेहरे पर चला जाता है। आइए जानें कि ऐसा क्यों होता है और इस आदत को हम कैसे नियंत्रित कर सकते हैं।

बार-बार क्यों छूते हैं चेहरा

’मानवीय आदत: मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि चेहरा छूने के प्रति हमारा झुकाव एक प्राकृतिक आदत है। इस तरह हमारा अवचेतन मन संकेत देता रहता है कि हम आसपास मौजूद लोगों के प्रति जागरूक हैं। ’तनाव में: हम अक्सर तनाव के समय चेहरे पर हाथ ले जाते हैं। हमें हाथ चेहरे के प्रेशर प्वाइंट जैसे ठोडी, मुंह, कनपटी या माथे पर रखने की आदत होती है। यहां हाथ रखने के बाद हम खुद को तनावमुक्त महसूस करते हैं।

घंटेभर में 16 बार मुंह पर जाता है हाथ

2008 के एक शोध के हिसाब से एक व्यक्ति हर घंटे औसतन 16 बार चेहरे पर हाथ रखता है। यह अध्ययन दफ्तर में काम कर रहे लोगों पर किया गया था।

क्या नुकसान है

छींक या खांसी के जरिये मुंह से बाहर आने वाली नम बूंदों के जरिए वायरस फैलता है। अगर आपके हाथ किसी भी तरह संक्रमित हुए तो आंख, नाक और मुंह के माध्यम से यह संक्रमण आपके भीतर पहुंच जाएगा।

’जागरुकता लाएं: चेहरे पर हाथ लगाने की आदत के नुकसान के बारे में जानने से आपमें सतर्कता आएगी। ध्यान रखें कि चेहरा न छूने की बात जितना याद करेंगे, उतना ज्यादा हाथ चेहरे पर जाएगा।

’हाथ बांधकर बैठें: खाली बैठे हैं या किसी से बात कर रहे हैं तो अपने हाथ बांधकर बैठें। जब हाथ खाली नहीं होगा तो बार-बार चेहरे पर नहीं जाएगा।

’हाथ हो साफ: खुद में सतर्कता लाएं कि आप हाथ धुलने के बाद ही मुंह या चेहरे पर ले जाएंगे। ऐसा करने से जब भी आपको हाथ मुंह, नाक या चेहरे पर रखने का मन होगा, आपको हाथ धुलना पड़ेगा। इस तरह हाथ साफ रहेगा और चेहरा छूने की आदत भी सुधरेगी।

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