वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इनकम टैक्स एवं जीएसटी के अनुपालन से जुड़े मुद्दों पर कई तरह के राहत का ऐलान किया। सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दिया गया है। इस अवधि में विलंबित इनकम टैक्स पर ब्याज को 12 फीसद से घटाकर नौ फीसद कर दिया गया है।
Free of charge cash withdrawal from any other bank ATM allowed for debit card holders for 3 months: FM
— Press Trust of India (@PTI_News) March 24, 2020
TDS जमा करने के लिए समयसीमा नहीं बढ़ाई गई लेकिन ब्याज को 18 फीसद से घटाकर नौ फीसद किया गया। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा, PAN Card को Aadhaar से लिंक कराने की मियाद भी बढ़ा दी है। इसके अलावा बैंक कस्टमर्स के लिए भी राहत भरी खबर है।
For cos with turnover of over Rs 5 cr, no late fee and penalty will be charged on late GST return filing; interest rate reduced to 9%: FM
— Press Trust of India (@PTI_News) March 24, 2020
आइए जानते हैं वैधानिक एवं रेगुलेटरी मोर्चों पर सरकार ने किस तरह की राहत दी है:
तीन महीने तक किसी भी एटीएम से पैसे निकालने पर नहीं लगेगा कोई ट्रांजैक्शन चार्ज।
तीन महीने तक मिनिमम बैंक बैलेंस मेंटेन करने से मोहलत।
डिजिटल ट्रांजैक्शन चार्जेज में कमी की गई है।
सरकार ने पांच करोड़ रुपये से कम के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए मार्च, अप्रैल और मई का GST रिटर्न और कंपोजिशन रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को बढ़ाकर 30 अप्रैल, 2020 करने का फैसला किया है।
इसी के साथ आधार-पैन को लिंक कराने की समयसीमा को बढ़ाकर 30 जून, 2020 किया गया।
विवाद से विश्वास स्कीम की समयसीमा को भी बढ़ाकर सरकार ने 30 जून, 2020 करने का फैसला किया है।
‘सबका विश्वास’ स्कीम से जुड़े विवादों को निपटाने की समयसीमा बढ़ाकर 30 जून, 2020 किया गया। यह सीमा पहले 31 मार्च, 2020 तक थी।
सरकार ने बोर्ड बैठक के लिए कंपनियों को 2 तिमाही तक 60 दिनों की रिलीफ देने का फैसला किया है।
सीमाशुल्क के मुद्दे पर भी सरकार ने कई तरह की राहत का ऐलान किया।
कंपनियों के डायरेक्टर्स को भारत में प्रवास की समयसीमा में छूट देने का भी फैसला किया गया है।
30 अप्रैल को मेच्योर होने वाले डिबेंचर्स को 30 जून, 2020 तक को बढ़ाया गया।
वित्त मंत्री ने कंपनियों के लिए डिपोजिट रिजर्व की शर्तों में छूट की घोषणा की।
नई कंपनियों को बिजनेस शुरू करने के लिए छह माह का अतिरिक्त समय दिया गया।
एक करोड़ रुपये के डिफॉल्ट की स्थिति में ही कंपनी को दिवाला प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मत्स्य क्षेत्र के लिए भी कई तरह के राहत का ऐलान किया।