कोरोना संक्रमण (Coronavirus) को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) लगातार चीन पर हमलावर बने हुए हैं, अमेरिका (USA) का आरोप है कि चीन (China) इससे जुड़ी जानकरियां छिपा रहा है. इसी बीच चीन के स्टेट काउंसिलर वांग यी ने बुधवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jayshankar) से फोन पर बात की और इस मुश्किल घड़ी में साथ निभाने के लिए शुक्रिया भी कहा. वांग ने इच्छा जाहिर की कि भारत भी अमेरिका के लगाए आरोपों को ख़ारिज कर उसका साथ दे.
कोरोना वायरस के पूरी दुनिया को गिरफ्त में लेने के बाद अमेरिका इसे ‘चीनी वायरस’ या ‘वुहान वायरस’ का नाम देकर चीन को इसके लिए जिम्मेदार बनाने की कोशिश का रहा है. चीन ने भारत से इस मामले में मदद मांगी है, और अमेरिका की इस हरक़त का विरोध करने के लिए कहा है. चीन ने अमेरिका की ‘छोटी सोच’ बताया है और भारत से इस तरह के समय में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति का विरोध करने की अपेक्षा जताई है.
भारत ने फिलहाल पक्ष लेना नहीं चाहता
भारत ने कोरोना संक्रमण के नए मामले देखते हुए देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है. जयशंकर ने कोरोना को एक वैश्विक महामारी करार देते हुए कहा- फिलहाल हम चीन का पक्ष लेने या उसका विरोध करने के बारे में सोच ही नहीं रहे हैं. हालांकि ये सपष्ट है कि कोरोना को वायरस को किसी और नाम से पुकारे जाने से हम सहमत नहीं है ऐसा नहीं किया जाना चाहिए. भारत ने चीन को जवाब में इतना ही कहा है कि हम इस वायरस को कोई नाम देने के पक्ष में नहीं है और इससे ज्यादा भारत फिलहाल कुछ बोलना नहीं चाहता.
अमेरिका लगातार लगा रहा है आरोप
उधर एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में माइक पोम्पियो ने स्पष्ट कहा कि वायरस के फैलने की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी, इसमें कोई शक नहीं है. खुद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने ये माना है कि ये संक्रमण कहां से फैलना शुरू हुआ है. हालांकि उन्होंने बाद में इससे जुड़े तथ्य छुपाए और पूरी दुनिया को खतरे में डाल दिया. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इसे ‘चीनी वायरस’ कह चुके हैं. हालांकि अमेरिका में एशियन लोगों पर हुए नस्लीय हमलों के बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि क्योंकि वायरस चीन से फैला इसलिए इसे चीनी वायरस कहा जा रहा था. पोम्पियो ने सिर्फ चीन ही नहीं ईरान और रूस की सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि वहां कुछ छुपाया जा रहा है. रूस ने इसका जवाब देते हुए कहा है कि काश ऐसे माहौल में अमेरिका को थोड़ी सद्बुद्धि आ जाए.
चीन ने सफाई दी और भारत की तारीफ की
चीन ने बुधवार को कहा कि उसने ना तो कोरोना वायरस को तैयार किया ना ही जानबूझकर इसे प्रसारित किया और इसे ‘चीनी वायरस’ या ‘वुहान वायरसकह’ ना गलत है. चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चीनी लोगों को गलत तरीके से देखने के बजाए महामारी से निपटने के लिए चीन सरकार के त्वरित कदम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. बीमारी से मुकाबले के प्रयासों में भारत और चीन के बीच सहयोग पर जी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संवाद कायम है और मुश्किल घड़ी में महामारी से निपटने के लिए एक दूसरे की सहायता की है. उन्होंने कहा कि भारत ने चीन को चिकित्सा आपूर्ति प्रदान की और विभिन्न तरीके से सहयोग दिया.
जी ने कहा, ‘हम इसकी सराहना करते हैं और शुक्रिया अदा करते हैं.’ उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि चीन और वुहान को वायरस से जोड़ना गलत है. जो लोग चीन के प्रयासों को कम करके आंक रहे हैं वो लोग स्वास्थ्य और मानवता की सुरक्षा में चीनी लोगों के बलिदान को नजरअंदाज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सही है कि चीन के वुहान शहर में बीमारी का पहला मामला सामने आया लेकिन कोई प्रमाण नहीं है कि चीन वायरस का स्रोत है जिसके कारण यह महामारी फैली.
Input : News18