काेराेना के बाद बर्ड फ्लू फैलने की आशंका को लेकर जिला पशुपालन पदाधिकारी ने शुक्रवार को अलर्ट रहने का निर्देश दिया। पटना में वायरस मिलने के बाद जिले में इसे लेकर सतर्क किया गया है। हालांकि, जिले से भेजे गए मार्च के 60 सैंपल में किसी में भी वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी पशुपालन विभाग ने सभी पाॅल्टी फार्म संचालकाें काे सतर्क रहने के लिए गाइडलाइन जारी की है। उन्हाेंने बताया, यह वायरस मुर्गियों में होने वाली गंभीर बीमारी है। इसकी रोकथाम व जागरूकता के लिए राज्य सरकार ने सतर्क रहने को कहा है। इधर, राज्य स्वास्थ्य समिति ने एनफ्लूएंजा की जांच और पुष्टि के लिए जिलें में नियमित सर्विलांस कराने का निर्देश दिया है। पशुपालन निदेशक ने भी जिला पशुपालन पदाधिकारी को जिले की हाट-बाजारों और मुर्गी फार्म के सैंपल लेकर लगातार जांच के लिए भेजने का निर्देश दिया है। उन्होंने मुर्गी फार्माें में एच-9 व एन-2 वायरस से बचाव के लिए उच्च स्तर की सफाई व बायो सुरक्षात्मक कदम उठाने की हिदायत दी है। वायरस से बचाव के लिए जनप्रतिनिधियों व इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा, यदि मुर्गी या किसी पक्षी की मौत होती है तो उसका नमूना लेकर कोलकाता या भोपाल की लेबोरेटरी में सैंपल जांच के लिए भेजा जाए। जिला पशुपालन पदाधिकारी डाॅ. मनाेज कुमार ने बताया, प्रत्येक प्रखंड स्थित पाॅल्ट्री फार्म से सैंपल, सीरम व स्वाॅब लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। वहीं, रूटीन सर्विलांस का काम किया जा रहा है।
काेराेना वायरस से पाॅल्ट्री फार्म का काेई संबंध नहीं
बताया गया कि काेराेना वायरस से पाॅल्ट्री फाॅर्म का काेई संबंध नहीं है, लेकिन लाेगाें चिकेन व अंडा खाना कम कर दिया है। फार्म में प्रवेश के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। इसके तहत किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर राेक लगा दी गई है। विशेष परिस्थिति में यदि काेई प्रवेश करता है ताे एंटीसेप्टिक से पैर धुलवाकर ही प्रवेश करना है। उन्हाेंने कहा, विभाग लगातार नजर बनाए है। जिले में बाॅयल फर्म 450 हैं, जाे पूरी तरह बंद हाे चुके हैं। वहीं, अंडा बनाने वाले लेयर फर्म जिले में 90 हैं। यहां प्रतिदिन करीब 4.5 लाख अंडाें का उत्पादन हाेता है। ऐसे में मात्र 15 प्रतिशत ही अंडे जिले में आयात किए जाते हैं, वह भी ठंड के दिनाें में।
इनपुट : दैनिक भास्कर