शब-ए-बारात मुसलमान समुदाय के लोगों के लिए इबादत की रात होती है। माना जाता है कि इस रात को अल्लाह की रहमतें बरसती हैं। इस बार शब-ए-बारात लॉकडाउन के बीच में पड़ी है। ऐसे में लोग कब्रिस्तान में न जाकर घरों में ही खुदा की इबादत करेंगे। बुधवार को कुछ लोगों ने शब-ए-बारात मनाया। वहीं अधिकांश लोग गुरुवार को शब-ए-बारात मनाएंगे। मौलानाओं ने लोगों को लॉकडाउन का पालन करने व कोरोना से बचाव को लेकर कब्रिस्तान में न जाकर घर पर इसे मनाने की अपील की।
पंखाटोली कब्रिस्तान पूरी तरह रहेगा बंद
कोरोना व लॉकडाउन के कारण पंखाटोली स्थित कब्रिस्तान शब-ए-बारात पर गुरुवार को पूर्ण रूप से बंद रहेगा। बुधवार को पंखा टोली कब्रिस्तान कमेटी की ओर से लोगों को इस बार कोरोना से बचाव को लेकर कब्रिस्तान में नहीं आने की अपील की गई। कमेटी के संरक्षक मो. इश्तेयाक, सचिव मो. जाहिद व मो. जुबैर ने बताया कि मस्जिदों में ऐलान कराया गया है। तमाम अकीदतमंदों से अपील की गई है कि अपने घर में रहकर ही इबादत करें।
कुछ ने बुधवार को मनाया शब-ए-बारात अधिकांश गुरुवार को करेंगे इबादत
मुजफ्फरपुर नगर निगम ने शब-ए-बारात को लेकर तैयारी शुरू कर दी। नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने पार्षदों के अनुरोध पर कब्रगाहों की खराब लाइट की मरम्मत, साफ-सफाई और सड़क किनारे चुना व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराने का आदेश दिया है। इसके लिए उप नगर आयुक्त हीरा कुमारी, सिटी मैनेजर ओमप्रकाश, सफाई प्रभारी कमल किशोर एवं बहलखाना प्रभारी रामलखन सिंह को निर्देश दिया गया है।
चक हसन बंगरा के मौलाना असद यावर ने बताया है कि शब-ए-बारात उर्दू तारीख के अनुसार शाबान 15 की शब में होता है ये शबे कद की पूरी रात अल्लाह से दुआ मांगना इबादत करना और अल्लाह से रहमत मांगनी की रात है। अपने गुनाह से माफी मांगनी चाहिए और आपने मरहूमिन की रूह की शांति के लिए दुआ मांगनी चाहिए।
छाता बाजार बड़ी मस्जिद कमेटी के सदस्य इम्तेयाज अहमद बताते हैं कि लोग जीवित रहेंगे तो कई त्योहार की खुशियां मना सकते हैं। ऐसे में घर पर ही दीया व मोमबत्ती जलाकर अपने पूर्वजों के लिए अल्लाह से इबादत करें। कोरोना से संक्रमित लोगों के ठीक होने और हमेशा से देश से कोरोना को मुक्त करने की दुआ तहेदिल से जरूर करें।
पक्की सराय स्थित कर्रार साहेब शिया मस्जिद के इमाम मौलाना नेहाल हैदर रिजवी ने बताया है कि इस साल भारत और दूसरे देशों में कारोना का मर्ज फैला है। इसलिए अपील की है कि घर से बाहर न निकले। शब-ए-बारात में घर में ही नमाज अदा करें।
Input : Hindustan