इस्तानबुल. पश्चिम एशिया में ईरान (Iran) के बाद अब तुर्की (Turkey) कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए हॉटस्पॉट की तरह सामने आया है. हालांकि हर तरफ से आ रही बुरी ख़बरों के बीच तुर्की से एक अच्छी खबर आई है. यहां 93 साल की एली गुंदुज ने 10 दिन तक कोरोना संक्रमण (Covid19) से लड़ने के बाद उसके खिलाफ जंग जीत ली है. एली को शनिवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. एली ने घर जाते हुए नर्स के सिर पर हाथ फेरा और कहा- एक दिन सब ठीक हो जाएगा.
अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक तरफ जहां कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद 60 से ऊपर की उम्र के लोगों का बचना सबसे मुश्किल माना जा रहा है, ऐसे में एली का ठीक होकर घर लौटना पूरे तुर्की में उम्मीद की निशानी के बतौर देखा जा रहा है. एली बीते 10 दिन से इस्तानबुल के जेरापाशा मेडिकल फैकल्टी हॉस्पिटल में एडमिट थीं.
अस्पताल के चीफ फिजिशियन ज़ेकयी कुल्बे ने बताया कि इस उम्र के कोरोना से संक्रमित मरीजों को बचाए जाने की उम्मीद सबसे कम होती है, ऐसे में उनका ठीक होना एक उम्मीद की किरण जैसा है. अगर 93 साल की एक महिला ICU से घर लौटती हैं तो उनके जैसे और मरीजों में भी हिम्मत आ जाती है.
ठीक होकर एली बोलीं- दुआ करती हूं, सब ठीक हो जाएं
एली को हाइपरटेंशन भी है और उन्हें उनका पोता 31 मार्च को हॉस्पिटल लेकर आया था, बाद में वे कोरोना पॉजिटिव पाई गईं थीं. अपने पोते के सहारे हॉस्पिटल से बाहर जाने के दौरान एली नर्स और अन्य मरीजों को हौसला देती नज़र आयीं. उन्होंने नर्सों को आशीर्वाद दिया और कहा- फ़िक्र मत करो सब ठीक हो जाएगा. साथ ही हर बीमार के ठीक होने के लिए दुआ करने की भी बात कही.
तुर्की बना कोरोना का हॉटस्पॉट
बता दें कि तुर्की में अभी तक 52000 से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. इसके आलावा इस संक्रमण से 1100 से ज्यादा लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. तुर्की में फिलहाल 46000 से ज्यादा लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है जिनमें से 1700 से ज्यादा की हालत बेहद गंभीर है. तुर्की में भी लॉकडाउन की घोषणा की गई है और इसका उल्लंघन करने वालों पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.
Input : News18