इंजीनियरिंग (Engineering), एमबीए (MBA), एमसीए, आर्किटेक्चर, फार्मेसी, होटल मैनेजमेंट,अप्लाइड आर्ट ऐंड क्राफ्ट जैसे प्रोफेशनल कोर्सों (Professional Course) की पढ़ाई कर रहे लाखों विद्यार्थियों को ये खबर राहत देने वाली खबर है. केंद्र सरकार ने कहा है कि जबतक लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता, तब तक वे विद्यार्थियों से फीस नहीं मांगेगे. इस दौरान वे शिक्षकों का वेतन भी नहीं रोकेंगे. यही नहीं, वे इस दौरान किसी की नौकरी भी नहीं जाएगी.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत काम करने वाले अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के सदस्य सचिव प्रफेसर राजीव कुमार ने सभी कॉलेजों को पत्र लिख कर इस बारे में जानकारी दी है. संगठन ने कहा है कि जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं होता और हालात सामान्य नहीं होते, तब तक वे विद्यार्थियों से फीस नहीं मांगेंगे. फीस कब लिया जाना है, इस बारे में दोबारा गाइडलाइन जारी की जाएगी.
नहीं जाएगी नौकरी मिलती रहेगी सैलरी
नौकरी नहीं जाएगी और सभी कर्मचारियों को मिलेगा वेतन संगठन ने स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन के दौरान किसी भी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नौकरी नहीं जाएगी. यदि किसी संस्थान ने ऐसा किया है तो उन्हें तुरंत फिर से उन्हें बहाल करना होगा. इसके साथ ही स्पष्ट किया गया है कि इस दौरान का वेतन भी देना होगा.
शिकायत मिली थी इसलिए उठाया कदम
एआईसीटीई को छात्रों और शिक्षकों ने शिकायत भेजी थी. विद्यार्थियों की तरफ से कहा गया था कि उनसे जबरन फीस भरवाया जा रहा है. इसके अलावा संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों ने नौकरी जाने और वेतन का भुगतान नहीं करने की शिकायत की थी.
नियम का हुआ उल्लंघन करने पर मान्यता होगी रद्द
एआईसीटीई के पत्र में साफ निर्देश है कि यदि कोई तकनीकी कॉलेज नियमों का उल्लंघन करता है तो फिर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी जिसमें अन्य बातों के अलावा मान्यता भी रद्द भी हो सकती है.
10 हजार से ज्यादा कॉलेज
इस समय एआईसीटीई से मान्यता पाने वाले देश भर में 10487 संस्थान या विश्वविद्यालय चल रहे हैं. इनमें वर्ष 2019-20 के दौरान कल 3284417 विद्यार्थियों का कुल इनटेक था.