अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार यह पुख्ता तरीके से पता लगा रही है कि कोरोना वायरस क्या चीन के शहर वुहान की लैब में उत्पन्न किया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि चीन को इस बारे में जो कुछ भी मालूम है, उसे पूरा सच सबको बताना चाहिए। गुरुवार को व्हाइट हाउस की प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रपति ट्रंप से पूछा गया कि ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं, कोरोना वायरस वुहान की लैब से आया है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में मालूम है। जो हुआ है कि वह उसकी गहरी छानबीन करवा रहे हैं।

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हमें पता है वायरस वुहान में पैदा हुआ

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से बातचीत के दौरान इस बारे में चर्चा की है, तो ट्रंप ने कहा, वह इस बारे में कोई चर्चा नहीं करना चाहते कि उन्होंने लैबोरेट्री को लेकर चिनफिंग से क्या बातचीत की है। ऐसा अभी करना ठीक नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि विगत फरवरी में चीन ने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी की किसी प्रयोगशाला में कोरोना वायरस बनाए जाने की बात से इन्कार किया था। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने फॉक्स न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि हमें पता है कि वायरस चीन के शहर वुहान में पैदा हुआ।

खुलकर बताए चीन 

वुहान में इंस्टीट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी भी पशुओं के मांस के बाजार से कुछ ही मील दूर है। हमारे लिए यह बहुत जरूरी है कि चीन सरकार इस बारे में खुलकर पूरी जानकारी दे। हमें यह समझने में मदद करें कि कैसे वायरस फैला। अमेरिकी राष्‍ट्रपति का यह बयान ऐसे समय आया है जब कोरोना को लेकर बार बार चीन पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके एक भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक ने अमेरिका के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर वुहान की लैब में वैश्विक महामारी वाला वायरस बनाने पर चीन से मुआवजा वसूलने की अपील की है।

चीन से वसूला जाए मुआवजा 

भारतीय अमेरिकी अटर्नी रवि बत्रा ने अमेरिकी राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस के कारण पूरे विश्व में मौतों का मातम पसरा है। यह कहर हम सब पर प्लेग बनकर टूटा है। इसकी वजह से बने हालात पर्ल हार्बर से भी भयावह हैं। यह हम सबको धोखा दिए जाने का परिणाम है और बाद में इसकी असलियत छिपाने की भी भरसक कोशिश की गई। उन्होने कहा कि अगर चीन के अपराध को कम से कम भी आंका जाय तो वह गंभीर लापरवाही बरतने का दोषी है। उसके कारण विश्व में 20 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। एक लाख 27 हजार लोगों की जानें जा चुकी हैं। इस लिहाज से अगर चीन से सिविल मुआवजा भी लिया जाए तो हर संक्रमित अमेरिकी के लिए उससे दस लाख डॉलर वसूले जाने चाहिए। जिन लोगों की कोरोना के संक्रमण से मौत हो चुकी है, उनके परिजनों के लिए 50 लाख डॉलर वसूले जाने चाहिए।

Input : Dainik Jagran

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