NAWADA: लॉकडाउन का पालन कराने के नाम पर शनिवार को पुलिस ने ऐसी शक्ति दिखाई कि मानवता शर्मसार हो उठी। गर्भवती महिला 1 घंटे तक प्रसव पीड़ा से कराहती रही लेकिन पुलिस ने चालान काटने के लिए गर्भवती महिला को रोके रखा। औऱ बाद में सीओ के हस्तक्षेप से गर्भवती को अस्पताल ले जा रहे वाहन को छोड़ा गया।

बताया जा रहा है कि अकबरपुर बीच बाजार निवासी पंकज कुमार की बहन को प्रसव पीड़ा हो रही थी, कोरोना संकट के चलते उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली इसके बाद पंकज अपनी गर्भवती बहन रूपाली प्रसव कराने के लिए निजी वाहन से नवादा ले जा रहा था। रास्ते में nh31 पर फतेहपुर मोड़ के पास थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार वर्मा वाहनों की जांच कर रहे थे, थाना अध्यक्ष ने वाहन रोकने का इशारा किया तो चालक ने जांच के लिए वाहन को रोक दिया। इसके बाद पुलिस ने कागजात सही नहीं होने के निजी वाहन चलने की बात कह कर आगे से रोक दिया।

वाहन पर इमरजेंसी का कागजात सटा देख भड़के थानाध्यक्ष

चालक ने बताया कि हमारी गलती बस इतनी थी कि वाहन के शीशे पर इमरजेंसी का पोस्टर चिपकाए हुए था पुलिस ने पूछा वहां पर पोस्टर चिपकाने के लिए कौन बोला चालक ने कहा मुखिया जी बोले हैं तभी थानाध्यक्ष भड़क उठे वाहन रुके रहने से महिला की स्थिति बिगड़ने लगी।

Input : Kashish News

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