लॉकडाउन में प्रदेश भर हजारों लोग अपने घरों से बाहर फंसे हुए हैं। इसी तरह एक अनोखा मामला सामने आया है। राजधानी के देवेंद्रनगर निवासी एक युवक तरुण साहू (परिवर्तित नाम) शादी के लिए लड़की देखने अपनी मां और बहन के साथ राजनांदगांव गया था। अब परिवार बीते एक माह से राजनांदगांव में फंस गया।

अब लड़के पिता कई दिन से रायपुर एडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उन्हें परिवार को वापस लेने जाने की अनुमति नहीं मिली है। ऐसा यह एक मामला नहीं हर किसी की अलग-अलग कहानी है। एक आवेदन तो ऐसा भी आया है जिसमें पगफेरे (शादी के बाद दूल्हन के वापस जाने की रस्म) में मायके गई दूल्हन को वापस लाने के लिए नव विवाहित दूल्हा रोज कलेक्टोरेट कार्यालय के चक्कर काट रहा है।

ई-पास के लिए 2 हजार से ज्यादा आवेदन
जिले से बाहर निकलने के लिए ई-पास के तहत 2 हजार से ज्यादा आवेदन मिल गए हैं। ऑनलाइन आवेदनों में बीमारी के इलाज, बीबी बच्चे को लेकर आने एवं परिवार से मिलने जाने जैसे ज्यादातर आवेदन आए हैं लेकिन इनमें से तकरीबन 185 आवेदनों को ही अनुमति मिल सकी है।

…तो होगी एफआईआर
अधिकारियों का कहना है कि ई पास के लिए जरूरी काम से जाने वाले लोगों को ही ई-पास के जरिए अनुमति दे रहे हैं। लेकिन कई लोग इसका गलत फायदा ना उठाएं इसलिए आवेदन की बारीकी से जांच की जाती है। अगर कोई झूठा कारण बताकर या झूठा दस्तावेज अपलोड करके अनुमति लेता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नोडल अधिकारी, प्रणव सिंह का कहना है कि ई-पास की सुविधा का लोगों को गलत फायदा नहीं उठाना चाहिए। बीमारी के लिए इलाज या किसी दूसर इमरजेंसी के लिए आए आवेदनों पर ही अभी अनुमति दी जा रही है। लोगों को भी लॉकडाउन एवं कोरोना के संक्रमण को देखते हुए कुछ दिनों तक धैर्य रखना चाहिए।

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