नई दिल्ली. कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण देश में 3 मई तक लॉकडाउन (Lockdown) है. इस बीच गृह मंत्रालय ने शुक्रवार दे रात आदेश जारी करते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में छोटी दुकानों को खोलने की अनुमति दी है. इन दुकानों में कुछ शर्तों का पालन करना होगा. हालांकि, हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन के लिए ये छूट नहीं है.
लॉकडाउन की वजह से सभी तरह के प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए थे. सिर्फ जरूरी सामान जैसे सब्जी, फल, दवाई और किराना की दुकानों को ही खोलने की इजाजत दी गई थी. केंद्र के आदेश के मुताबिक, शनिवार से आवासीय कॉलोनियों के पास बनी दुकानों और अकेली (शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के बाहर स्थित) दुकानों को खोलने की इजाजत दे दी है, जो नगरपालिका निगमों और नगर पालिकाओं की सीमा के भीतर आती हों. हालांकि लॉकडाउन में मिली इस छूट से लोगों के लिए बड़ा सवाल यह है कि क्या शराब की दुकानों और बार को भी अपनी सेवाएं शुरू करने की अनुमति दी गई है?
इसका जवाब नहीं है. गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, ‘बार और शराब की दुकानों को फिलहाल नहीं खोला जा सकता है.’ दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानों को खोलने के पंजाब सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया है. इससे पहले गृह मंत्रालय ने संशोधित दिशा-निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा था कि देश में कहीं पर भी शराब की दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
गृह मंत्रालय ने कहा कि शॉप्स एंड इस्टैब्लिश्मेंट एक्ट (Shops and Establishment Act) के तहत आने वाली दुकानों के लिए ही ये छूट दी गई है. मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि शराब की बिक्री एक अलग क्लॉज (नियम) के तहत आती है. लिहाजा ये छूट शराब की दुकानों या बार पर लागू नहीं होगी.
इसके पहले असम और मेघालय ने लॉकडाउन के पहले फेज में शराब की दुकानों को खोलने की परमिशन दी थी. हालांकि, 15 अप्रैल को गृह मंत्रालय के संशोधित दिशानिर्देशों के बाद ये आदेश वापस ले लिया गया.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय द्वारा 15 अप्रैल को जारी दिशा निर्देशों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान शराब, गुटखा, तंबाकू आदि की बिक्री पर कड़ा प्रतिबंध है.
हो रहा है राजस्व का नुकसान
बिजनेस वेबसाइट ‘मनी कंट्रोल’ की एक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर राज्यों ने शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है, लेकिन इस महामारी की चुनौती से निपटने और चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने में राज्य सरकारों को अतिरिक्त व्यय करना पड़ रहा है. अब शराब की बिक्री बंद होने की वजह से राज्यों को अपने कुल आमदनी से करीब 25 फीसदी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
क्या है शॉप्स एंड इस्टैब्लिश्मेंट एक्ट?
सामान्यत: हर प्रकार के बिजनेस प्लेस यानी व्यावसायिक स्थल को राज्य के Shop and Establishment Act में रजिस्टर करवाना जरूरी है. यही एक्ट उसमें काम करने वाले वर्कर्स के अधिकारों की रक्षा करता है. यह एक्ट पुरे देश में लागू है. होटल, भोजनालय, मनोरंजन पार्क, सिनेमाघरों और अन्य मनोरंजन घरों के साथ-साथ अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों भी इस एक्ट के दायरे में आते हैं.
Input : News18