मुंबई. किरदारों को पर्दे पर जिंदा करने वाला एक जादूगर एक्टर इरफान खान (Irrfan Khan) इस दुनिया को छोड़कर आज चले गए. इरफान मंगलवार को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में तबीयत बिगड़ने के बाद भर्ती हुए थे और बुधवार को अस्पताल में ही उनका निधन हो गया. ये खबर सुनते ही उनके लाखों फैंस के दिल टूट गए. इरफान ने पर्दे पर तो अपनी दमदार एक्टिंग से सब को अपना मुरीद बना ही लिया था, लेकिन अपनी जिंदगी के फंडों को लेकर भी वह काफी साफ थे. यही कारण था कि कुछ समय पहले इरफान खान ने अपने नाम के पीछे से ‘खान’ शब्द हटा लिया था.
इरफान ने अपने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं इरफान हूं, सिर्फ इरफान. मैंने कुछ समय पहले से अपने नाम से ‘खान’ हटा लिया है. दरअसल मैं अपने धर्म, अपने सरनेम या अपनी ऐसी किसी चीज की वजह से पहचाना जाना नहीं चाहता. मैं अपने पूर्वजों के काम की वजह से पहचान बनाना नहीं चाहता.’
दरअसल इरफान खान का असली नाम साहबजादे इरफान अली खान है और उन्हें अपने नाम ने ‘दो R’ काफी पसंद हैं क्योंकि इसमें जीभ मुड़ती है. बता दें कि इरफान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी अपना नाम सिर्फ इरफान ही लिखा है.
बॉलीवुड में हीरो बनने के लिए हमेशा कुछ कनकहे नियम निर्धारित थे, लेकिन इरफान ने अपनी दस्तक के साथ ही ये सारे पैमाने तोड़ दिए थे. ‘ये साली जिंदगी’, ‘पीकू’, ‘पान सिंह तोमर’, ‘हिंदी मीडियम’ जैसी फिल्मों में इरफान ने अपनी एक्टिंग के हर रंग को दिखाया था. वह इतने जबरदस्त एक्टर थे कि एक दिन जब वह अपनी फिल्म में एक्टिंग कर रहे थे तो महेश भट्ट को उनसे कहना पड़ा कि भाई थोड़ी गंदी एक्टिंग कर.
इरफान पिछले कुछ समय से पेट के कैंसर से जूझ रहे थे, लेकिन उन्हें वह बीमारी भी हरा नहीं पाई. लंदन से इलाज कराने के बाद इरफान मुंबई में ही अपना इलाज करा रहे थे. इसी शनिवार को उनकी 95 वर्षीय मां सईदा बेगम ने इस दुनिया से रुखसत ली, तो इरफान खान शायद ये सदमा झेल नहीं पाए. इसके बाद वह टूट से गए थे. अभिनेता कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाये थे.
Input : News18