इंदौर. सोमवार से देश भर में लॉकडाउन (Lockdown) का तीसरा चरण प्रारंभ हो जाएगा. वहीं कई ऐसे लोग हैं जो पहले से ही अपने घरों से दूर हैं और लॉकडाउन के कारण घर वापस नहीं आ पा रहे हैं. खासकर ऐसा वर्ग जो प्रतिदन कमाने खाने को मजबूर था. लॉकडाउन फिर बढ़ने से उनका हाल इतना बुरा हो गया है कि वो घर लौटने की खातिर अब अपनी जान तक जोखिम में डाल रहे हैं. शनिवार दोपहर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर-उज्जैन मार्ग पर एक सीमेंट मिक्सर मशीन को पुलिस ने चेकिंग के लिए रोका तो उसे एकदम से झटका लगा. दरअसल, इस सीमेंट मिक्सर वाहन में कई लोग छिपकर अपनी जान को जोखिम में डालकर सफर कर रहे थे.
जानकारी के मुताबिक पुलिस ने जब वाहन को रोक कर चालक से आने-जाने की वजह पूछी तो उसने आपातकाल सर्विस का बहाना बनाया. लेकिन पुलिस को उसकी बात पर भरोसा नहीं हुआ. लिहाजा सख्ती से पूछताछ हुई तो वो घबरा गया. इसके बाद शंका होने पर पुलिस ने मिक्सर पैनल की पड़ताल की तो उसमें हलचल समझ में आ गई. पुलिस ने पैनल में छिपे लोगों को बाहर निकलने को कहा. इसके बाद छोटे से द्वार से एक के बाद एक कर के कुल 18 मजदूर बाहर निकले. ये सभी मजदूर महाराष्ट्र से लखनऊ जा रहे थे.
रिजॉर्ट में मजदूरों को ठहराया
पुलिस ने सभी मजदूरों को एक स्थानीय व्यवस्था के माध्यम से रिजॉर्ट में ठहराया है. यहां इनके भोजन के अतिरिक्त स्वास्थ्य परीक्षण का इंतजाम करवाया गया. वहीं वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और वाहन को जब्त लिया. बता दें कि मजदूरों की भी बेहद मजबूरी रही होगी अन्यथा 40 डिग्री से अधिक तापमान में लोहे के सीमेंट मिक्सर मशीन में कौन हजारों किलोमीटर की दूरी का सफर करता है. हालांकि मजदूरों का यह कदम उनके लिए घातक साबित हो सकता था.
इंदौर में पकड़ लिया जाता है
यातायात विभाग के डीएसपी उमाकांत चौधरी के मुताबिक उनकी अलग-अलग टीम इंदौर की विभिन्न सीमाओं पर चेकिंग के लिए तैनात है. इस दौरान कई ऐसे लोग मिलते हैं जो छिपकर सफर कर रहे होते हैं. वो लोग किसी भी शहर में पुलिस को चकमा दे दें लेकिन इंदौर में उन्हें पकड़ ही लिया जाता है. अब तक एक हजार से अधिक लोगों को पकड़ा जा चुका है और वाहन चालकों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है.
Input : News18