कोरोना काल में कई असहाय लोग भूखे रह रहे है. रोजगार ठप है, इन सबका मार सबसे ज्यादा पड़ा है समाज के गरीब तबक़ा पर कुछ लोगो की हालत इतनी ख़राब है कि उनकी भुखमरी आ गयी है. ऐसी ही एक असहाय बुजुर्ग दंपती की ख़बर शनिवार को मुजफ्फरपुर के एक स्थानीय अखबार में छपी, ख़बर पर मुजफ्फरपुर नाउ के संस्थापक संतोष चौधरी की नज़र पड़ते ही उन्होंने तान्या फाउंडेशन के संस्थापक भारतेन्दु कुमार को फ़ोन किया और बुजुर्ग दम्पती की सूचना दी, सूचना मिलते ही भारतेन्दु कुमार बिना देर किये बेला स्तिथ बुजुर्ग दम्पती के घर जरूरत के सामान लेकर पहुँच गये.

वहां पहुँच कर उन्हें पता चला कि बुजुर्ग दम्पती की हालत बहुत ख़राब है कई दिनों से उन्हें खाने को कुछ नहीं मिला, आसपास में कोई अगर कुछ दे गया तो वो खा लेते नहीं तो उन्हें भूखा ही रहना पड़ता. भारतेन्दु कुमार ने बिना देर किये दोनों बुजर्गो के हाल पूछे और उन्हें कच्चा राशन उपलब्ध कराया, राशन मिलने के बाद बुजुर्गों के चेहरे पर सुकून दिखा.

कोरोना के इस विषम परिस्थिति मे हमे अपने सामाजिक दायित्व को समझने की जरूरत है जैसे भारतेंदु कुमार ने समझा, तान्या फाउंडेशन के संस्थापक भारतेन्दु ने बताया कि किसी का मदद करना सिर्फ किसी संस्था या सरकार का दायित्व नहीं है. हर समृद्ध नागरिक का फर्ज बनता है कि वो असहाय लोगो का सहारा बने यही मानवता है , नर सेवा ही नारायण सेवा है.

अभिषेक रंजन, मुजफ्फरपुर में जन्में एक पत्रकार है, इन्होंने अपना स्नातक पत्रकारिता...