मुजफ्फरपुर. देश के कई राज्यों से लॉकडाउन (Lockdown) में मिली छूट के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर (Migrant Labour) वापस लौट रहे हैं. इस बीच मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) से एक अच्छी खबर मिल रही है. यहां जिला प्रशासन ने कोरोना बंदी में बाहर से आए मजदूरों के रोजगार देने के लिए विशेष पहल की है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इन प्रवासी मजदूरों को मनरेगा (MNREGA) से जोड़ा जाए. इसके तहत डीएम ने सभी प्रखंडों के बीडीओ और सीओ को को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान निर्देश दिया है कि प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर पर मनरेगा कैंप लगाया जाए.

मनरेगा कैप में बनेगा जॉब कार्ड

डीएम ने निर्देश दिया है कि प्रथम चरण में प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर और दूसरे चरण में पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन सेंटरों पर मनरेगा कैंप लगाया जाए. इन कैंप में प्रखंडों के मनरेगा पीओ अपनी टीम के साथ बैठेंगे और प्रवासी मजदूरों का जॉब कार्ड बनाएंगे.

DM के पहल की हो रही सराहना

दरअसल, निर्धारित अवधि के लिए क्वारंटाइन में रहने के बाद मजदूर जब अपने घर लौटेंगे तो इन्हें तत्काल रोजगार की आवश्यकता होगी. ऐसे में यदि उनके पास जॉब कार्ड होगा तो अपने ही गांव अथवा पंचायत में उन्हें आसानी से काम मिले सकेगा. प्रवासी मजदूरों ने डीएम के इस पहल की सराहना की है.

प्रवासी मजदूरों ने की थी मांग

इसके पहले डीएम ने बोचहां गायघाट औराई के कई क्वारंटाइन सेंटर्स का दौरा किया और वहां हालात का जायजा लिया. सेंटर विजिट के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों ने डीएम के समक्ष रोजगार की बात उठाई. उसके बाद डीएम ने यह निर्णय लिया.

क्वारंटाइन सेंटर में बेहतर सुविधा देने के मिले निर्देश

क्वारंटाइन सेंटर्स के दौरे के बाद लौटे डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि क्वारंटाइन सेंटर्स पर आवासित लोगों के लिए बेहतर से बेहतर सुविधा दी जाए. सप्ताह में कम से कम 1 दिन खीर-पूरी लाने का निर्देश दिया गया है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि मनरेगा से एक ओर जहां प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलेगा. वही गांव में आधारभूत सुविधा, जंगल, पोखरा आदि की सुविधा बढ़ेगी. डीएम के निर्देश पर सभी प्रखंड के बीडीओ ने इस पर काम शुरू कर दिया है.

Input : News18

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