स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें प्रावासियों के बिहार आने के साथ ही बढ़ती जा रही है. तेजी से कोरोना संक्रिमतों की संख्या में इजाफा हो रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि प्रावासियों की स्क्रीनिंग के दौरान लक्षण नहीं मिल रहे हैं लेकिन शख्स कोरोना पॉजिटिव निकल रहा है. ऐसे में बिना लक्षण वाले लोगों की पहचान करने में काफी मुश्किलें आ रही है.

मामला मुजफ्फरपुर के मोतीपुर का है. जहां 11 मई को अहमदाबाद से एक शख्स किसी तरह यूपी बॉर्डर के रास्ते गोपालगंज तक पहुंचा. वहां से राज्य सरकार के द्वारा उपलब्ध कराई गई बस से सभी लोग मोतीपुर पीएचसी पहुंचे. जहां सभी की स्क्रीनिंग की गई. जिसमें से 4 मजदूर मोतीपुर के होने के कारण वहां क्वॉरेंटाइन किए गए. इसके बाद 32 मजदूरों को उनके प्रखंडों में भेज दिया गया. जांच के दौरान संबंधित लक्षण होने के कारण एक युवक का सैंपल जांच के लिए एसकेएमसीएच भेजा गया, जहां उसकी जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है. इसके बाद युवक के साथ आए तीन अन्य लोगों का सैंपल भी जांच के लिए भेजा गया है.

वहीं दूसरा मामला कुढ़नी का है. जहां एक युवक 1 सप्ताह पहले ट्रेन से मुंबई से आया था. उसके बाद उसे प्रखंड में क्वारेंटाइन  किया गया था. युवक में कोरोना का कोई भी लक्षण नहीं था.  इसके बाद भी 3 दिन पहले उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया जहां युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

Input : Fisrt Bihar Jh

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