बिहार में प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति तेज हो गई है. सीएम नीतीश कुमार क्वॉरेंटाइन सेंटर का जायजा ले रहे हैं तो विपक्ष मजदूरों की समस्या को लेकर रोज लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजप्रताप और तेजस्वी यादव नीतीश सरकार पर निशाना साध रहे हैं. राबड़ी देवी ने तो क्वॉरेंटाइन सेंटर को घोटाला सेंटर बता रही है.

राबड़ी बोली-संक्रमण फैला तो सरकार होगी जिम्मेवार

राबड़ी देवी ने ट्वीट किया कि बिहार सरकार ने अपनी ज़िम्मेवारियों से त्यागपत्र दे दिया है. हज़ारों करोड़ आपदा प्रबंधन के नाम पर लूटे जा चुके है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में कोई सुविधा नहीं है. अब सरकार प्रवासियों को सीधे घर भेज रही है. संक्रमण फैलाने की दोषी बिहार की भाजपाई सरकार होगी.

अधिकारियों ने खड़ा किया हाथ

प्रवासी मजदूरों का बिहार आने का सिलसिला जारी है. कई जगहों पर मजदूर आ रहे हैं, लेकिन जगह की कमी को लेकर कई जिलों के अधिकारी मजदूरों को अब होम क्वॉरेंटाइन के लिए बोल रहे हैं. लेकिन प्रवासी मजदूर गांव तो जा रहे हैं. लेकिन वह गांव के बाहर ही पेड़ के नीचे समय गुजार रहे हैं. रोहतास जिले के करगहर के पानापुर में दिल्ली, हरियाणा से पैदल साइकिल से गांव लौटे प्रवासी मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटरों में जगह नहीं मिली तो वह पेड़ के नीच रहे है. धूप और बारिश के बीच दिन रात रहने को मजबूर है. मजदूरों को डर है कि गांव में गए तो संक्रमण फैलने का डर है. किसी तरह से मजदूर रहने को विवश है. वही, मधुबनी प्रखंड के धनहा मध्य विद्यालय स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर से सातवें दिन ही प्रवासियों को प्रशासन उनके घर जाने से मुक्त करने लगा तो प्रवासी आक्रोशित हो गये. उनका कहना था कि उन्हें 21 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन  किया गया है अभी सात दिन ही बीते हैं. मधुबनी सीओ रंजीत कुमार सेंटर पर पहुंचे और सेंटर के प्रवासी मजदूरों के हाथ पर मुहर लगाने की प्रक्रिया शुरू करायी. उन्होनें प्रवासियों को जानकारी देते हुए कहा कि जो लोग ग्रीन जोन से आए हैं उन्हें होम क्वॉरेंटाइन के लिए भेजा जाएगा. प्रवासियों ने अब तक डिग्निटी किट नहीं देने का मामला उठाया तो सीओ ने बताया कि किट के रुपये उनके खाते में भेजे जाएंगे. इसके बावजूद प्रवासी उग्र हो गये और हंगामा करने लगे.

Input : First Bihar

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