केंद्र सरकार ने लॉक डाउन के चौथे चरण के समाप्त होने के पहले देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित मुंबई, दिल्ली समेत 13 शहरों की व्यापक समीक्षा की है। इनमें देश के 70 फीसद कोरोना पॉजिटिव मामले हैं। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ इन 13 सर्वाधिक प्रभावित शहरों के नगर निगम आयुक्तों के साथ बैठक कर स्थिति की व्यापक समीक्षा की है।
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कैबिनेट सचिव की सर्वाधिक प्रभावित शहरों के नगर निगम आयुक्तों के साथ बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एक जून के बाद लॉक डाउन के अगले चरण को लेकर फैसला किया जाना है। माना जा रहा है कि इन 13 शहरों में लॉक डाउन जैसी ही स्थिति रहेगी। इनमें सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन में रखकर वहां खास प्रबंधन किया जाए। यह फैसला जिला कलेक्टर और नगर निगम मिल कर लेंगे।
बैठक में जिन 13 सर्वाधिक प्रभावित शहरों को लेकर के नगर निगम आयुक्तों के साथ समीक्षा की गई उनमें मुंबई, चेन्नई, दिल्ली/नई दिल्ली, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता/हावड़ा, इंदौर, जयपुर, जोधपुर, चैंगलपट्टू, तिरुवल्लूर शामिल है।
दिशा निर्देशों पर सख्ती से अमल हो
बैठक के दौरान कैबिनेट सचिव ने इन शहरों में नगर निगम द्वारा अभी तक किए गए रोकथाम के उपायों और प्रबंधन की स्थिति को लेकर उठाए गए कदमों की भी व्यापक समीक्षा की है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार पहले ही शहरी क्षेत्रों में कोविड -19 की रोकथाम के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी कर चुकी है। जिसमें साफ कहा गया था कि उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जहां ज्यादा कन्फर्म केस हैं और मृत्युदर भी ज्यादा है एवं मामलों की संख्या तेजी से दोगुनी हो रही है वहां पर टेस्टिंग बढ़ाने के साथ पूरी तरह सख्ती से रोकथाम की जाए।
कलेक्टर व निगम आयुक्त फैसला लेंगे
राज्यों से कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन की भौगोलिक सीमा तय करने में उस क्षेत्र में मामलों की संख्या, उनके सम्पर्क में आए लोगों और आसपास के क्षेत्र… इनकी पहचान कर लॉक डाउन का कड़ाई से पालन कराया जाए। नगर निगम अपने क्षेत्र में यह तय कर सकती है कि वह किस रिहायशी क्षेत्र, कॉलोनी, मोहल्ला वार्ड, थाना क्षेत्र आदि को कंटेनमेंट जोन घोषित करें। स्थानीय स्तर पर तकनीकी इनपुट के साथ कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त मिलकर इस बारे में फैसला लेंगे।
Input : Live Hindustan