मुजफ्फरपुर के नागरिकों को अपनी समस्याओं से जुड़े सवाल अपने चुनें हुए जनप्रतिनिधियों से सोशल मीडिया पर पूछने का ज़रिया बनता जा रहा है #muzaffarpurasks. विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर सक्रिय जिले के युवाओं द्वारा एक नई मुहिम कि शुरुआत कि गई है जिसमें हर तरह कि समस्याओं, लंबित पड़े चुनावों के दौरान किए गए वादें,चल रही योजनाओं और अपने आस-पास फ़ैली अनियमितताओं को संबंधित विभाग, अधिकारी और नीती निर्धारक मंत्रीयों और अधिकारियों को टैग करके उनसे मुख्यतः ट्विटर पर और अन्य अलग-अलग सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर सवाल पूछा जा रहा है। विभिन्न समस्याओं के लिए एक हैशटैग #muzaffarpurasks लगा कर युवा अपने चुनें गए जनप्रतिनिधियों और नीती निर्धारण में अपनी सहभागिता रखने वाले विभाग और अधिकारियों से सीधा सवाल कर रहें हैं.
मुजफ्फरपुर के लोगों को सवाल उठाने का आदत डालना क्यों है जरुरी?
मुजफ्फरपुर में वर्षो से देखा जा रहा है कि लंबित पड़े मामलें और वादों के दावों कि फेरहिस्त लंबी है। चाहे वो मुजफ्फरपुर को स्मार्ट सीटी बनानेे के लिए चयनित करके स्मार्ट सीटी बनाने का दावा हो या मुजफ्फरपुर के बंद पड़े पताही हवाई अड्डा से नियमित हवाई सेवा देने का वादा,शहर में लग रहे जाम और बरसात के बाद शहर के मुख्य सड़कों पर फीटों फ़ीट बरसात के बाद नाले का पानी हो इन सबका निदान के लिए हमारे अपने चुनें गए जनप्रतिनिधियों के हाँथ में ही है . स्मार्ट सीटी परियोजना को समय रहते ज़मीन पर उतार दिया जाए तो हर आम नागरिक का जीवन सुगम हो जाएगा,व्यापार बढेंगे और रोजगार मिलेगा।मुजफ्फरपुर हवाई अड्डा चालू हो जाने के दावों और वादों को समय से हकीक़त का अमली जामा पहना दिया जाए तो जिले के हर क्षेत्र का स्वर्णिम विकास संभव हो सकेगा. जिले कि बदहाल शिक्षा व्यवस्था, रोजगार के लिए बंद पड़े कल कारखाने, काॅलेजों में समय से परीक्षा नहीं होना जैसे बहुत दिनों से चले आ रहे हर आम समस्याओं को छू रहे सवालों को आप भी #muzaffarpurasks लगा कर जरुर पुछें, हो सकता है आपके सवालों को नजरअंदाज किया जा सकता है लेकिन उन सवालों का असर आम जनता कि आवाज़ पर पड़ेगा और सवाल पूछते हुए माँगें उठाने का आदत बनता चला जाएगा।
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कोरोना काल में कैसा है इस कैंपेन का महत्व?
बिहार विधानसभा चुनाव साल 2020के अंत में अपेक्षित है,और पुर्व कि भांति इस बार चुनाव बसों में भर कर लाई गई भीड़ भरे मैदानों कि रैलियों के भाषण और उंचे उछाले जा रहे नारों के बीच नहीं बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से लड़े जाने कि संभावना है. विभिन्न पार्टियों ने सोशल मीडिया केंद्रित अपनी रणनीति को आकार देना शुरू भी कर दिया है,ऐसे में मुजफ्फरपुर के युवाओं द्वारा लोकतंत्र में सवाल पुछने के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल को भविष्य में बदल रहे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के रुप में देखा जा सकता है।
बदल रहे समय के साथ सोशल मीडिया सिर्फ एक दूसरे से जुड़ने और फोटो पोस्ट करके लाईक,शेयर और कमेंट करने का जरिया मात्र नहीं रह गया है। इसका सही इस्तेमाल आपके जीवनशैली को सुगम बनाते हुए आपकी समस्याओं का निदान भी करा सकता है।आप भी मुजफ्फरपुर से जुड़ी अपनी हर समस्याओं को सही तरीके से अपने विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर #muzaffarpurasks लगा कर पुछना शुरु कर दें। आपके इस प्रयास मे आपका मुजफ्फरपुर नाउ हमेशा के तरह आपकी आवाज़ को अपना मंच मुहैया कराते हुए उसे बल देगा।