मुजफ्फरपुर : बाढ़ प्रभावित इलाकों में सर्पदंश के मरीज ज्यादा आते हैं। हालांकि बीते तीन माह में सर्पदंश का मामला नहीं आया है। सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि मानसून की दस्तक से पहले सभी पीएचसी को अलर्ट किया गया है। इस माह से सर्पदंश की नियमित रिपोर्ट व दवा के बारे में निगरानी रहेगी। वैसे सभी पीएचसी में दवा उपलब्ध है।

दवा गोदाम के भंडारपाल शशिरंजन कुमार ने बताया कि सेंट्रल स्टोर में 750 वायल दवा उपलब्ध है। वहीं हर पीएचसी में कम से कम 25 व अधिकतम 50 वायल दवा उपलब्ध कराई गई है।

MegaWeCare :: FIRST AID: WHAT CAN BE DONE TO: SNAKE BITES

इन बातों का रखें ध्यान: ’सदर अस्पताल के मेडिसीन विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. एसके पांडेय ने कहा कि अपने घर के आसपास या गाय बांधने की जगह में चूहे, सांप के बिल नज आएं तो उनको बंद कर दें। ’दीवाल की दरार, दरवाजे व दीवाल के बीच के खाली स्थान को भर देना चाहिए। इससे सांप के रहने की जगह आपके घर व आसपास नहीं रहेगी। ’अपने घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दे।

सांप काटने पर यह बरतें सावधानी:’किसी व्यक्ति को सांप काटने पर सबसे पहले उसे सीधा लेटा दें। सर्पदंश के स्थान पर पानी अथवा साबुन से धोना चाहिए। शरीर के जिस हिस्से में सांप काटे वहां हल्का चीरा लगा लें। वहां से थोड़े खून को बहा देना चाहिए। हाथ में काटा हो तो केहुनी से उपर यदि पैर में काटा हो तो घूटने से ऊपर रस्सी या मजबूत डोरी से बांध दें। फिर उस व्यक्ति को तुरंत निकट के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं। ’संभव हो तो सांप को अच्छी तरह देखने और पहचानने की कोशिश करें। मोबाइल से तस्वीर ले लें। सांप का हुलिया बताने से चिकित्सक को इलाज करने में आसानी होगी। ’मरीज को शांत रखने की कोशिश करें। मरीज जितना उत्तेजित रहेगा उसका रक्तचाप भी उसी गति से बढ़ेगा। ’पीड़ित व्यक्ति के शरीर से घड़ी, कड़ा, कंगन, अंगूठी, पायल, चेन व जूते चप्पल आदि उतार लें। ’व्यक्ति को बेहोश नहीं होने दें।

सर्पदंश के शिकार को ओझा-गुणी के पास नहीं ले जाएं। उसे अविलंब निकट के सरकारी अस्पताल में लेकर जाएं। वहां मुफ्त दवा व इलाज की सुविधा है। डॉ. एसपी सिंह, सिविल सर्जन

Input : Dainik Jagran

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD