मुजफ्फरपुर-पटना बाईपास के बनने की उम्मीद एक बार फिर जग गई है। एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट को काली सूची में डाल रखा था, लेकिन विभागा व जिला प्रशासन की पहल पर इसपर उसने एक बार फिर विचार किया है। एनएचएआई ने जमीन की पुरानी दर पर ही भुगतान की स्वीकृति दी है, लेकिन शेष राशि का 12 फीसदी ब्याज जून माह तक देने पर अपनी सहमति जता दी है।

मुजफ्फरपुर पटना बाईपास में आने वाले 10 गांवों के मुआवजे पर विवाद रहा है। ये गांव हैं बथनाराम, मादापुर चौबे, मधौल, दरियापुर कफेन छपरा, सकरी सरैया, तुकी, चंद्रहट्टी, बलिया, रजला, ढोली लाला। एनएचएआई ने जो प्रस्ताव दिया है उसके अनुसार उसने वर्ष 2012 में जिला प्रशासन द्वारा बनायी गए सिक्समेन कमेटी की अनुशंसा को भी मान्य कर लिया है। इसके अलावा वह जून माह तक पुरानी दर पर 12 फीसदी ब्याज देने को तैयार हुआ है। उम्मीद है कि अब एनएचएआई की पहल के बाद भूधारी भी अपनी मांग पर पुनर्विचार करेंगे और इसका रास्ता निकल आएगा।

वर्ष 2009 में ही इस बाईपास के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब से आज तक मामला लंबित पड़ा हुआ है।

Input : Hindustan

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