कोरोना का असर लहठी निर्माण और इसके व्यवसाय पर भी पड़ा है। ढाई महीने के लॉकडाउन के बाद बीते 10 दिनों से काम शुरू हुआ है। लहठी से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा न हो, इसके लिए व्यवसायी से लेकर कारीगर तक सतर्क हैं। लहठियों को सैनिटाइज कर बेचा जा रहा। निर्माण के दौरान कारीगर शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ मास्क लगाए रहते हैं।

मुजफ्फरपुर की लहठी की मांग देश के अलावा विदेशों में भी है। दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, अयोध्या, रामेश्वरम, इलाहाबाद सहित देश के अन्य शहरों के अलावा नेपाल, म्यांमार और श्रीलंका तक यहां की लहठी जाती है। ऐश्वर्या राय समेत कई अभिनेत्रियों की शादी में यहां से लहठी गई थी। शहर के इस्लामपुर समेत कई इलाकों में घर-घर महिलाएं व पुरुष लहठी बनाते हैं। लेकिन, कोरोना के चलते काम बंद हो गया था। शादी-विवाह जैसे समारोह नहीं हो रहे थे। इससे बिक्री भी नहीं थी। अनलॉक वन के बाद से धीरे-धीरे लहठी बनाने की भट्ठियां जलने लगी हैं। कारोबारी व निर्माता अलग-अलग तरीके से काम कर रहे।

होम डिलीवरी की व्यवस्था 

लहठी निर्माता युसूफ खान ने बताया कि सैनिटाइज करने के लिए बड़े कारोबारियों ने स्प्रे मशीन लगाई है तो छोटे कारोबारी बोतल से ही सैनिटाइज कर रहे। लहठी के सैंपल भी सैनिटाइज किए जा रहे। होम डिलीवरी की जा रही। मो. अली ने बताया कि निर्माण के समय कारीगर मास्क पहने रहते हैं। निर्माण के बाद पैकिंग के पूर्व व पैकिंग के बाद लहठियों को सैनिटाइज किया जा रहा।

10 करोड़ का नुकसान

लहठी कारोबारी मनोज जैन बताते हैं कि कोरोना के पूर्व अच्छी स्थिति थी। इस्लामपुर मंडी में प्रतिमाह चार करोड़ तक का कारोबार होता था। लेकिन, लॉकडाउन के चलते ढाई महीने तक मंडी बंद रही। पिछले लगन में 10 करोड़ का कारोबार हुआ था। इस साल कोरोना के चलते जीरो रहा। अभी 10 फीसद ही काम शुरू हो सका है। जून की शादियां टलकर नवंबर में चली गई हैं। कारोबारी विवेक कुमार ने बताया कि दुकान बंद रहने और गर्मी से मंडी में तकरीबन 10 करोड़ की लहठियां बर्बाद हो गईं। गर्मी से टेढ़ी हो गईं। उसे ठीक किया जा रहा।

छह दशक से इस्लामपुर में चल रहा कारोबार

इस्लामपुर में छह दशक से लहठी का निर्माण और कारोबार चल रहा। यहां पांच सौ से अधिक छोटे-बड़े व्यवसायी हैं। 15 हजार से अधिक कारीगर हैं। ऐसे जिले में कुल 50 हजार लोगों की आजीविका इससे जुड़ी है। 50 से लेकर पांच लाख रुपये तक की लहठी बनती है। सालाना 50 करोड़ से अधिक का व्यवसाय होता है। इस्लामपुर के अलावा रामबाग, तिलक मैदान रोड व पंखा टोली भी लहठी निर्माण का बड़ा केंद्र है।

Input : Daink Jagran

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