अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की यादें शहर से भी जुड़ी हैं। पिछले साल अप्रैल में अपने गांव जाने के दौरान वे यहां एक रिजॉर्ट में ठहरे थे। उसी दौरान वहां शहर के कुछ व्यवसायियों व प्रशंसकों से मुलाकात भी की थी। मुजफ्फरपुर व यहां के लोगों के प्रति अपने विचार भी रखे थे। शहर के व्यवसायी रोहन मेहता उनके साथ बिताए क्षण को याद करते हुए बताते हैं कि वे काफी नेक दिल इंसान थे। यहां रुकने के दौरान वे सबसे बड़े प्रेम से मिले। शहर की चर्चा होते ही कहा कि यह तो साहित्यकारों व संस्कृतिकर्मियों की धरती रही है। यहां के लोगों में प्रतिभा व परिश्रम की कमी नहीं।
बिहार व जिले के कलाकारों से अभिभूत थे सुशांत
बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन से जिले में भी फिल्म इंडस्ट्री सहित कलाकारों में शोक की लहर है। बहुत कम उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। जिसने भी उनकी मौत की खबर सुनी, स्तब्ध रह गया। लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा था। हर किसी के लिए चौंकाने वाली खबर थी यह। जिसने भी सुना, टीवी की ओर दौड़ पड़ा। वास्तव में बिहार की धरती से जुड़े होने से वे हमेशा बिहार और यहां के कलाकारों से बहुत प्रेम करते थे।
भोजपुरी फिल्म अभिनेता विजय खरे ने कहा कि सुशांत के निधन की खबर सुनकर काफी दुख हुआ। हैरत की बात यह हुई कि उन जैसे संघर्षशील व जुझारू अभिनेता ने सुसाइड जैसा कदम उठाया। यकीन नहीं होता। वह तो आज के नवोदित कलाकारों के लिए प्रेरणास्रोत थे।
भोजपुरी फिल्म अभिनेता सोनू पांडेय ने बताया कि सुशांत सिंह बिहारी कलाकारों के लिए सच्चे मार्गदर्शक थे। वास्तव में वे जमीन से जुड़े कलाकार थे। उनके द्वारा लिया गया इस तरह का निर्णय सोचने को मजबूर करता है। यह जांच का विषय है।
रंगकर्मी व संस्कृतिकर्मी आनंद कुमार उर्फ सोनू सिंह ने कहा कि बिहार के लाल और बॉलीवुड के उभरते हुए सूरज का चला जाना काफी दुखद है। उनके जाने से फिल्म जगत को काफी क्षति हुई है। ऐसे कलाकार विरले ही होते हैं।
भोजपुरी फिल्म अभिनेता नीरज बादशाह बताते है कि सुशांत जैसे संघर्षशील व होनहार अभिनेता ने कभी परिस्थितियों से घबराना नहीं सीखा था। हमेशा उसका डटकर मुकाबला किया। फिर अचानक उनके सुसाइड की घटना से लोग अचंभित हैं।
हास्य अभिनेता आरके गोस्वामी ने बताया कि सुशांत सिंह राजपूत ने महेंद्र सिंह धौनी के जीवन पर बनी फिल्म में यह संदेश दिया था कि हमें जीवन में संघर्ष करना चाहिए। संघर्ष ही जिंदगी है। उनकी मौत की खबर सुनकर विश्वास नहीं हुआ। उनके जाने से फिल्म जगत को काफी क्षति हुई है।
Input : Dainik Jagran