मुज़फ़्फ़रपुर का मरीन ड्राइव यानी सिकंदरपुर मन से सटा सड़क जो सीधे लक्ष्मी चौक को जोड़ता है, इस सड़क को शहर में बढ़ते यातायात दवाब और सरैयागंज टावर से लक्ष्मी चौक की दूरी कम करने के लिए बनाया गया.
इस सड़क के निर्माण के बाद शहर वासियों को लाभ मिल रहा है लेकिन चूंकि यह सड़क मन के किनारे से गुजरती है इस लिए ये सुनसान रहता है.
पुलिस की गश्त यहां नही होती न कोई स्ट्रीट लाइट्स लगा है और न शहर के अन्य चौराहों के तरह यहां पुलिस के द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरे है.
जिसका लाभ अब अपराधी उठा रहे है, जिसका आज भी एक उदाहरण मिला जब उसी मरीन ड्राइव रोड के किनारे मन से एक युवती की लाश मिली, उसके हाथ पैर बंधे हुए थे.
इसका मतलब के उसे अन्यत्र जगह से लाकर यहां मन मे फेंका गया अगर वहाँ उस रोड के दोनों तरफ सीसीटीवी कैमरा लगा होता तो शायद पता चल जाता किसने किया, अगर लाइट्स लगी होती तो आय दिन उस रोड पर होने वाले लूटपाट छिनतई की घटनाएं नही होती.
वक्त है आवाज़ उठाने का सिर्फ सिकंदरपुर मन के सौंदर्यीकरण का दावा कर कर के बहलाने से काम नही चलेगा,वहां सुरक्षात्मक कार्य करने की बहुत जरूरत है.