Khudiram Bose Central Jail Muzaffarpur में वर्तमान में क्षमता से अधिक बंदी रह रहे हैं। इससे वहां क्षमता से 112 बंदी ज्यादा हैं। इनमें पांच ऐसे मासूम भी हैं जो मां के साथ कारा में बंद हैं। बेकसूर मासूम भी मां के गुनाहों की सजा उनके साथ काट रहे हैं। मां की भी लाचारी हैं, क्योंकि बिना उनके दूध के मासूम घर पर नहीं रह सकते हैं।

गर्भवती के संक्रमित होने की अधिक आशंका

दूसरी ओर कोरोना काल में केंद्रीय कारा में भले ही एक भी गर्भवती नहीं पहुंचीं, लेकिन जेल प्रशासन ने संक्रमण से बचाव के लिए एक महिला व छह पुरुष वार्ड की अलग से व्यवस्था की है। सामान्य महिलाओं से गर्भवती के अधिक संक्रमित होने की आशंका रहती है। हालांकि कोरोना काल में एक भी गर्भवती के जेल नहीं आने से वहां के प्रशासन को राहत है।

अतिरिक्त खान-पान की भी व्यवस्था

गर्भवती के लिए अतिरिक्त खान-पान की व्यवस्था भी की जाती है। इधर, जेल प्रशासन की ओर से सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया जाता है। लेकिन, सच है कि यहां कुछ सुविधाओं का अभाव रहता है। अक्सर औचक निरीक्षण में बंदी इसकी शिकायतें भी करते रहते हैं। दो दिन पहले ही जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने जेल का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान कई बिंदुओं पर उन्होंने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए थे। हालांकि कई बिंदुओं पर डीएम संतुष्ट भी दिखे थे।

मापदंडों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा

केंद्रीय कारा, मुजफ्फरपुर के जेल अधीक्षक राजीव कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान में क्षमता से कुछ अधिक बंदी जेल में हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निर्धारित मापदंडों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। संक्रमण से बचाव को एक महिला व छह पुरुष वार्ड भी अलग से बनाए गए हैं। अब तक एक भी संक्रमित का मामला सामने नहीं आया है।

जेल में बंदियों की क्षमता – 2135

वर्तमान में रह रहे बंदी – 2247

वर्तमान में महिला बंदी – 90

वर्तमान में पुरुष बंदी- 2157

Input : Dainik Jagran

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