भारत और चीन (India china) के बीच हाल ही में हुए सीमा पर तनाव ने भारतीय सेना (Indian Army) को चेतावनी दी है. यूं तो हमारी सेना कमजोर नहीं लेकिन चीन की ताकत भारत से कहीं ज्यादा है यह बात भी किसी से छिपी नहीं हैं. चीन से मुकाबला करने के लिए हमें अपनी सेना को ज्यादा मजबूत और आधुनिक बनाने की जरूरत है. इसके लिए भारत ने कई कदम उठाए हैं जिसमें इजरायल (Israel) से स्पाइस 2000 (SPICE 2000) बम की खरीद चर्चा में है.

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बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने इसी से किया था हमला

यह वही बम है जिसका उपयोग बालाकोट स्ट्राइक में भारतीय वायुसेना ने भारत और पाकिस्तान के बीच लाइन ऑफ कंट्रोल के 60 किलोमीटर आगे की दूरी के लिए इस्तेमाल किया था. वायुसेना को ये स्पाइस 2000 बम बड़ी ताकत देने वाले माने जा रहे हैं. ये हवा से जमीन पर काफी दूरी से मार कर सकते हैं और ये बंकर और इमारतें उड़ाने में सक्षम हैं.

File:Spice bomb front.JPG

क्या है यह स्पाइस 2000

स्पाइस अंग्रेजी में स्मार्ट, प्रिसाइस इंपैक्ट, कॉस्ट इफेक्टिव का छोटा रूप है. स्पाइस अपने आप में बम नहीं है बल्कि यह एक खास आयुध सामग्री है. इसे हवा से जमीन पर गिराए जाने वाले बम के तौर पर उपयोग में लाया जा सकता है. इसे एक इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स या जीपीएस निर्देशित कर केवल अनियंत्रित छोड़े जाने वाले बम की जगह सटीक निर्देशित बम की तरह उपयोग में लाया जा सकता है.

Mirage 2000

क्या है इसकी रेंज

स्पाइस 2000 भारतीय वायुसेना के लड़कू विमानों द्वारा उपयोग में लाया जा सकने वाला सबसे बड़ा परंपरागत बम है. इसे फ्रांस के मिराज 2000 जेट में भी उपयोग में लाया जा चुका है. जहां स्पाइस 1000 किट 500 किलो के बम के रूप में उपलब्ध होती है जिसकी रेंज 100 किलोमीटर होती है. लेकिन स्पाइस 2000 किट 1000 किलो के बम के लिए होती है और उसकी रेंज 60 किलोमीटर होती है. इनकी खास बात यह होती है कि ये जमीन पर लगे ज्यादातर रेडार से पकड़े नहीं जा सकते हैं.

लेजर गाइडेड बम से क्यों है बेहतर

स्पाइस 2000 की तुलना अक्सर लेजर गाइडेड बम से होती है जो स्पाइस से सस्ते होते हैं और सटीक भी होते हैं. लेकिन इनके साथ सबसे बड़ी समस्या ये होती है कि ये खराब मौसम में सही तरीके से काम नहीं कर पाते हैं. इसके अलावा लेजर बम की मारक दूरी केवल 15 किमी ही होती है. वहीं स्पाइस परिवार के स्मार्ट बम  सुरक्षित हवाई इलाकों में भी मार कर सकते हैं. चीन का हवाई डिफेंस सिस्टम बहुत ही तगड़ा माना जाता है. उसके पास रूस के एस300 और एस 400 श्रेणी के सिस्टम हैं.

China

तस्वीरों के मुताबिक निशाना

स्पाइस 2000 के साथ पहले से ही उसकी मेमोरी में निशाने की तस्वीरों को लोड किया जा सकता है. इसके आगे हिस्से में कैमरा लगया होता है जो दूर से निशाने की तस्वीर खींच कर मेमोरी में रखीं तस्वीरों से निशाने की तुलना करता है. अगर तस्वीरें पुरानी तस्वीरों से अलग होती हैं तो यह खुद ब खुद अपने सही निशाने की ओर मोड़ सकता है.

बहुमंजिला इमारत पर भी सटीक

स्पाइस 2000 किट निशाने को सटीकता से पहचानने के साथ-साथ इम्पैक्ट और सक्रियता में देरी की जरूरत का भी सही अनुमान लगा लेती है यह तब बहुत ज्यादा उपयोगी होता है जब इस किसी बहुमंजिला इमारत में हमला करना होना है और किसी खास फ्लोर पर जाकर नुकसान पहुंचाने की जरूरत होती है. इजरायली एयरफोर्स ने इसका उपयोग लेबनान और सीरिया के इलाकों में किया था जिसमें उसने कई शहरी इलाकों की बहुमंजिला इमारतों को तबाह किया था.

Input : News18

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