बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए और प्लास्टिक के इस्तेमाल के खतरे से बचने के लिए सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाई दी थी। इसके बाद से बांस उद्योग का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। बांस से बने कई सामान बाजार में उपलब्ध हैं। इनमें से बहुत से सामान ऐसे हैं जो घर में सजावट के लिए इस्तेमाल में आते हैं और कई सारे सामानों का इस्तेमाल दिनचर्या में लाया जाता है। बांस से बनी क्रॉकरी खूब बिक रही है। इसके अलावा बांस के बोतल, कप-प्लेट तमाम सामान लोगों द्वारा खूब पसंद किए जा रहे हैं। अगर आप भी बांस से जुड़े व्यापार में शामिल होना चाहते हैं तो आपको इसके लिए सरकार की ओर से मदद भी मिलेगी।
मोदी सरकार फिलहाल लोकल पर ज्यादा जोर दे रही है। जिससे स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। मोदी सरकार ने साल 2018 में बांस को पेड़ की कैटेगरी से हटा दिया था। किसान अब बिना किसी रुकावट के आसानी से बांस की खेती कर सकते हैं। राष्ट्रीय बैंबू मिशन को तकनीकी सहायता देने के लिए बैंबू टेक्निकल सपोर्ट ग्रुप (BTSG) का भी गठन किया गया है। जानिए कुछ ऐसे ही कामों के बारे में…
बांस से जुड़े उत्पाद
खादी ग्रामोद्योग आयोग बांस की बोतल बनाकर बाजार में बेचती है। खादी ग्रामोद्योग आयोग खादी, शहद जैसे कुटिर उद्योगों के साथ अब बांस उद्योग का विस्तार कर रहा है। खादी ग्रामोद्योग आयोग लोगों को बांस के सामान तैयार करने की ट्रेनिंग दे रहा है साथ ही काम शुरू करने के लिए लोन की व्यवस्था भी करा रहा है। इस बारे में ज्यादा जानकारी आप खादी ग्रामोद्योग आयोग की वेबसाइट www.kvic.gov.in/kvicres/index.php से ले सकते हैं। मालूम हो कि बास की बोतल या अन्य सामान बनाने की ट्रेनिंग आप राष्ट्रीय बांस मिशन की वेबसाइट nbm.nic.in से भी हासिल कर सकते हैं। यहां ऐसे कई संस्थानों के बारे में बताया गया है जो बांस से सामान बनाने की ट्रेनिंग देते हैं। इस लिंक nbm.nic.in/Hcssc.aspx से आप ज्यादा जानकारी ले सकते हैं।
बांस उद्योग के लिए कितना खर्च
बांस उद्योग में कई तरह के काम होते हैं जिसकी लागत अलग-अलग होती है। मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार, अगर किसी को बांस के आभूषण बनाने की यूनिट शुरू करना हो तो उसे 15 लाख रुपये की शुरुआती जरुरत पड़ेगी। इस बारे में अधिक जानकारी आप apps.mpforest.gov.in/MPSBM/ से ले सकते हैं।
इसके अलावा आप नेशनल बेंबू मिशन की वेबसाइट nbm.nic.in से भी जानकारी ले सकते हैं।
मोदी सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। केंद्र ने बांस के आयात पर सीमा शुल्क को 10 फीसद से बढ़ाकर 25 फीसद कर दिया है।