मुजफ्फरपुर। Sadar Hospital के उपाधीक्षक डॉ.एनके चौधरी शुक्रवार को अपने कार्यालय में बीमार हो गए। कुर्सी से गिरने के कारण अफरा-तफरी मच गई। कुछ देर तक वहीं पड़े रहे। आउटडोर में तैनात चिकित्सक पहुंचे। उनकी जांच करने के बाद एंबुलेंस से एक निजी अस्पताल भेजा गया। चिकित्सकों ने बताया कि डॉ. चौधरी बीपी के मरीज रहे हैं। इस वजह से उनको परेशानी हुई। पिछले दिनों उनकी कोरोना की जांच हुई थी लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई। उनके बीमार होने के बाद किसी ने कोरोना संक्रमण की अफवाह फैला दी। उसके बाद वहां पर कुछ देर के लिए सन्नाटा पसर गया। मौके पर तैनात कर्मी भी भाग खड़े हुए। इस वजह से आउटडोर सेवा सुबह 10 से 11 बजे के बीच बाधित रही। वरीय चिकित्सक के हस्तक्षेप के बाद मरीजों को इलाज शुरू हुआ। इधर प्रभारी प्रबंधक विपिन पाठक ने बताया कि उपाधीक्षक के अस्वस्थ होने के बाद वरीय चिकित्सकों ने उनको देखा और यहां से रेफर किया। उनकी हालत ठीक है।

आउटडोर में इलाज को पहुंचे 155 मरीज

155 मरीज आउटडोर में इलाज के लिए पहुंचे। महिला वार्ड खुला लेकिन कोई मरीज वहां भर्ती नहीं हुई। दूसरे दिन भी कोई डिलीवरी नहीं हुई। जो भी मरीज यहां पर आए सबकी स्क्रीनिंग करने के बाद ही उनका इलाज हुआ। सभी को शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराया गया।

उपाधीक्षक का नहीं हो पाया इलाज, सिस्टम पर सवाल

सदर अस्पताल में अभी सीएस, एसीएमओ अस्वस्थ चल रहे हैं। सबसे वरीय अधिकारी के रूप में उपाधीक्षक व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। लेकिन आज जब बीमार पड़े तो उनका भी इमरजेंसी में इलाज नहीं हो सका। आउटडोर में इलाज को आए मुशहरी के गगन कुमार ने कहा कि जब इनका यह हाल तो आम आदमी का क्या होगा। सदर अस्पताल स्थित आइसीयू व इमरजेंसी में उपाधीक्षक का इलाज नहीं होना पूरे सिस्टम पर सवाल है। इस कोरोना काल में सदर अस्पताल में सामान्य रूप से गंभीर मरीज को बाहर जाना पड़ रहा है। जबकि अस्पताल में चिकित्सक व पारा मेडिकल स्टाफ की कमी नहीं है।

Input : Dainik Jagran

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