औराई (मुजफ्फरपुर), संस : नदियों के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि से प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति विकराल हो गई है। प्रखंड की सभी 26 पंचायतों में लगातार हो रही बारिश व नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि से जलप्रलय की स्थिति हो गई है। प्रखंड के साढ़े छह हजार घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं, पशुचारा व जलावन की घोर किल्लत हो गई है। करीब दो दर्जन सड़कों पर आवागमन बाधित हो गया है। प्रखंड ई किसान भवन सभागार में एडीएम अतुल वर्मा, डीसीएलआर पूर्वी स्वपनिल ने जनप्रतिनिघियों व अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ की स्थिति व इससे निपटने पर चर्चा की। इससे पूर्व पूर्व विधायक रामसुरत राय के साथ अधिकारियों ने लखनदेई तटबंध मरम्मत स्थल व अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। सभी 26 पंचायतों के मुखिया, पंसस ने अपनी समस्याओं को रखा। अधिकारियों ने दो दिनों में बाढ़ पीड़ितों की सूची तैयार कर सौंपने का आदेश दिया। वहीं जनप्रतिनिधियों ने पॉलिथिन शीट, सामुदायिक किचन, नाव, राहत, सर्पदंश के अलावा मौसमी बीमारियों की दवा उपलब्ध कराने की मांग की। औराई प्रखंड को बाढ़ग्रस्त करने की मांग रखी गई। इधर, कटरा प्रखंड मुख्यालय में एसडीओ ने बाढ़ से बचाव को संबंधित कार्यो की समीक्षा की।

मुजफ्फरपुर : आश्रमघाट की रहने वाली पांच दिन की नवजात की छठी भी नहीं हो सकी और उसे पलायन का दंश ङोलना पड़ा। बूढ़ी गंडक की तबाही से मनोज मांझी और उसकी पत्नी विमला देवी नवजात को लेकर सुरक्षित ठिकाने की ओर रवाना हो गए। तीन दिन से यह परिवार बूढ़ी गंडक में उफान थमने का इंतजार कर रहा था। आखिरकार यह परिवार बच्चे को लेकर ननिहाल रून्नीसैदपुर के लिए रवाना हो गया। रास्ते में ही इस परिवार का मोबाइल और कपड़ा गिर गया। बेबसी की यह तस्वीर किसी एक व्यक्ति या किसी एक इलाके की नहीं है। इलाके की हजारों की आबादी को अपना आशियाना छोड़कर अन्यत्र पनाह लेना पड़ा है। हजारों हेक्टेयर में लगी फसलें बूढ़ी गंडक की भेंट चढ़ गईं। अबतक शहर के आश्रमघाट, अखाड़ाघाट, सिकंदरपुर, नाजिरपुर, शेखपुर ढ़ाब, झीलनगर, कपरूरीनगर, लकड़ीढ़ाई, चंदवारा व न्यू बालूघाट कॉलोनी में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। इलाके के लोग घर छोड़ कर सुरक्षित स्थानों को पलायन कर गए हैं।

प्रभावितों की संख्या पहुंची 1.43 लाख के पार

जिले में बाढ़ का दायरा और प्रभावितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गुरुवार को जहां नौ प्रखंडों की 64 पंचायत के 286 वार्ड की कुल 97,927 आबादी बाढ़ की चपेट में थी, वहीं शुक्रवार को प्रभावितों की संख्या 1.43 लाख के पार कर गई। प्रशासनिक स्तर पर जारी आंकड़ों पर गौर करें तो शुक्रवार को जिले के औराई, मीनापुर, पारू, सरैया, साहेबगंज, मोतीपुर, कटरा, गायघाट, बदरा, मुशहरी व बोचहां 110 पंचायतों में बाढ़ का कहर है। कुल 1 लाख 43 हजार 924 लोग बाढ़ की गिरफ्त में आ गए है। प्रशासनिक स्तर पर राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। वहीं 26 नए सामुदायिक किचन की शुरूआत की गई है। उधर, डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने जिलेवासियों से संयम बरतने, सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। साथ ही अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया है।

मुजफ्फरपुर : नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र समेत इलाके में लगातार जारी बारिश के चलते नदियों में आए उफान से जिले में बाढ़ का संकट लगातार गहराता जा रहा है। बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक, लखनदेई व मनुषमारा नदियां लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। बूढ़ी गंडक के जलस्तर में लगातार जारी वृद्धि से शहर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी परेशानी का सबब बन गया है। शहर के कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया है। जल संसाधन विभाग, गंडक, आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन की टीम लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही है। शुक्रवार को तमाम नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहा। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार रहा। सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर 52.85 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरे का निशान 52.53 मीटर है। जबकि, गंडक नदी खतरे के निशान से 0.62 सेमी ऊपर बहती रही। रेवाघाट में गंडक का जलस्तर वृद्धि के साथ 55.03 मीटर दर्ज किया गया। औराई के कटौझा में बागमती खतरे के निशान से 3.33 मीटर ऊपर बह रही है।

Input : Dainik Jagran

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