भारतीय इतिहास की एक स्वर्णिम परंपरा इस बार कोरोना काल में टूट जाएगी। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में पहली बार स्वतंत्रता सेनानी शामिल नहीं हो सकेंगे। स्वतंत्रता के बाद प्रत्येक समारोह में हर साल स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने की परंपरा रही है। लेकिन अधिक उम्र के कारण इस बार स्वतंत्रता सेनानियों को समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं किया जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, बुजुर्गों व बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। इसलिए जिले में पंडित नेहरू स्टेडियम में आयोजित होने वाले समारोह में इस बार स्वतंत्रता सेनानियों और बच्चों को भी शामिल नहीं किया जाएगा। हर साल आयोजित होने वाले समारोह में स्कूली बच्चे न केवल राष्ट्रगान प्रस्तुत करते थे, बल्कि सामूहिक गान के अलावा परेड में हिस्सा लेते थे। इसके अलावा मुख्य समारोह मंच पर जिले के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने की भी परंपरा रही है। बुधवार को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार कोरोना संक्रमण को लेकर आयोजन में कई एहतियात बरते जा रहे हैं। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों को न तो बुलाया जाएगा और न ही उनके घर तक सम्मान पहुंचाया जाएगा। दोनों ही स्थितियों में संक्रमण का खतरा है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से बच्चों को भी मुक्त रखा जाएगा और आम लोगों को भी इस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं किया जाएगा। कम से कम लोगों की उपस्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया जाएगा।
सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारण की कवायद
स्वतंत्रता दिवस समारोह को देखने के लिए दूसरे उपाय की कोशिश की जा रही है। इसके तहत फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर के साथ स्थानीय संचार माध्यमों से इसका प्रसारण कराने की कोशिश हो रही है। इससे लोग घरों में बैठकर समारोह को देख सकेंगे और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देंगे। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग इस तैयारी में लगा है और कोशिश है कि अधिक से अधिक लोगों तक आयोजन का प्रसारण पहुंचाया जा सके।
Input : Hindustan