पटना के निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज की दर आज निर्धारित हो सकती है. इसको लेकर जिला प्रशासन और सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से अहम फैसले लिये जा सकते हैं. निजी अस्पतालों में हाल के दिनों में कोविड 19 के इलाज के नाम पर मनमानी राशि वसूलने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है. इसके बाद इलाज की राशि जल्दी तय करनी की मांग की जा रही थी.
दूसरे राज्यों के अस्पतालों की दर का अध्ययन किया गया
प्राप्त जानकारी के मुताबिक निजी अस्पतालों में कोविड के इलाज की दर तय करने के लिए दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक के अस्पतालों की दर का अध्ययन किया गया है. इसके आधार पर आम लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए तय राशि का प्रस्ताव तैयार किया भी जा चुका है.
जिला प्रशासन अपने स्तर से इसे तय करने जा रहा
माना जा रहा है कि जिला प्रशासन पिछले कुछ दिनों से इंतजार कर रहा था कि स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर इसको लेकर कोई फैसला या दिशा निर्देश आ जाये. ऐसा नहीं होने की स्थिति में अब जिला प्रशासन अपने स्तर से इसे तय करने जा रहा है.
निजी अस्पतालों में कोविड 19 के इलाज की राशि तय करने को लेकर एक कमेटी का भी गठन किया गया है. कमेटी की पिछले दिनों हुई बैठक में पटना सिविल सर्जन ने निजी अस्पतालों में इलाज की अधिकतम दर को लेकर एक प्रस्ताव भी दिया था.
इलाज की राशि का यह है प्रस्ताव
इस प्रस्ताव में कोविड मरीजों से प्रतिदिन सामान्य बेड का अधिकतम पांच हजार रुपये, आइसीयू का 10 हजार और वेंटिलेटर का 15 हजार रुपये लेने की बात कही गयी थी. लेकिन इस प्रस्ताव का कई निजी अस्पताल विरोध कर रहे हैं. आइएमए बिहार के प्रेसिडेंट डाॅ बीके कारक कहते हैं कि कई बड़े निजी अस्पतालों के लिए इस दर पर काम करने में मुश्किल आ सकती है. ऐसे में आइएमए, निजी अस्पतालों आदि विभिन्न पक्षों के साथ बैठ कर इस पर सहमति बनाकर कोई अंतिम फैसला लिया जाना चाहिए.
पटना सिविल सर्जन का बयान
निजी अस्पतालों में कोविड 19 मरीजों के इलाज की दर बहुत जल्द निर्धारित कर दी जायेगी. इसको लेकर विभिन्न राज्यों के निजी अस्पतालों की दर का हमने अध्ययन भी किया है. कोरोना महामारी के इस दौर में मेरी सभी निजी अस्पतालों से अपील है कि वे नो प्राॅफिट नो लाॅस के सिद्धांत पर काम करें. यह समय मुनाफा कमाने का नहीं, बल्कि मानवता की सेवा करने का है.
डाॅ राजकिशोर चौधरी, सिविल सर्जन, पटना
Input : Prabhat Khabar